बलू की चेतावनी
हिंदीअनुवाद
अजयआनंद
भालू ने सख्ती से कहा,सुनो ओ इंसान के बच्चे।मैंने तुम्हें जंगल के हर कानून सिखाए हैं।मैंनेतुम्हेंकेवलबंदरोंकेबारेमेंनहींबतायाहै;जो पेड़ों पर रहते हैं।उनका कोई कानून नहीं होता है।वे अछूत होते हैं।उनकी अपनी कोई भाषा नहीं होती है।वे तो बहुत बड़े नकलची होते हैं।वेपेड़कीडालियोंपरबैठे——बैठेजासूसीकरतेरहतेहैं।
वेजोकुछभीदेखतेऔरसुनतेहैंबसउसकीनकलकरतेहैं।उनके जीने का तरीका हमसे काफी अलग है।उनका कोई सरदार नहीं होता है।उनकी याददाश्त भी कमजोर होती है।वेहमेशाडींगेमारतेहैंऔरयहदिखावाकरतेहैंकिबड़े——बड़ेमहानकामकरतेहों।लेकिनकहींसेएकखजूरगिरानहींऔरसारेबंदरसबकुछभूलकरउसकीओरदौड़लगादेतेहैं।जंगल के अन्य जानवर उनसे कोई मतलब नहीं रखते।जिसघाटसेबंदरपानीपीतेहैं,वहाँतोहमझाँकनेतकनहींजाते।हम वहाँ नहीं जाते, जहाँ बंदर जाते हैं।हमवहाँशिकारनहींकरते,जहाँबंदरशिकारकरतेहैं। अरे हम तो वहाँ मरना भी पसंद नहीं करते जहाँ पर बंदर मरते हैं। आजतक तुमने मुझे कभी भी बंदरों के बारे में बातें करते सुना है?
बलू अपनी बात समाप्त कर चुका था।चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था।मोगली बहुत ही दबी आवाज में बोल पाया,नहीं!
जंगलकेअन्यजानवरतोउनकेअस्तित्वकोहीनकारतेहैं।वेबड़ेहीधूर्त,शैतान,बेशर्मऔरगंदेहोतेहैं।वेतोकेवलइतनाचाहतेहैंकीअन्यजानवरोंकोउनकीउपस्थितिकाअहसासहोतारहे।लेकिनहमउन्हेंतबभीनजरअंदाजकरतेहैंजबवेपेड़ोंपरसेहमारेऊपरकूड़ाकबाड़फेंकतेहैं।
अभीबलूनेअपनीबातपूरीभीनहींकीथीकिऊपरसेउसपरपत्तों,टहनियोंऔरफलोंकीबरसातहोनेलगी।उसेबंदरोंकीचिल्ल——पोंमचानेऔरधमाचौकड़ीकीआवाजआरहीथी।
बलू ने कहा,जंगलकेप्राणियोंकोबंदरलोगोंसेबातकरनेकीसख्तमनाहीहै।इसे हमेशा याद रखना।
बघीरा ने कहा,लेकिनमुझेयेसमझमेंनहींआरहाहैकिआजतकतुमनेमोगलीकोइनसेसावधानक्योंनहींकियाथा।
अरेमुझेक्यापताथाकियहबच्चाउनगंदेलोगोंसेजामिलेगा।धिक्कार है मुझ पर।