मोगली को छुड़ाने का प्लान
हिंदीअनुवाद
अजयआनंद
का ने कहा,अरेवेमूर्खबंदरजोहमेशाहीबड़बड़करतेहैंमुझसेऐसेहीनहींडरते।लेकिनउसबच्चेकाउनकेहाथमेंपड़जानाअच्छाशगुननहींहै।वेतोउनफलोंकोभीनीचेफेंकदेतेहैंजिनसेउनकामनभरजाताहै।
तुमनेदेखाहोगाकिबंदरकिसतरहएकडालकोलिएपूरेदिनऐसेघूमताहैजैसेकिउससेपहाड़लांघलेगाऔरअंतमेंउसेतोड़करफेंकदेताहै।मुझे तो उस बच्चे की हालत पर सोचकर ही तरस आता है।पताहैवेमुझेकभी——कभी”पीलीमछली”कहकरबुलातेहैं吗?
बघीरा ने कहा,वे तो तुम्हें कीड़ा कहते हैं।तुम्हेंऔरभीकईनामोंसेबुलातेहैंजिन्हेंकहनेमेंभीमुझेशर्मआतीहै।
अबहमउन्हेंबतादेंगेकिजंगलकेदबंगोंसेकैसेबातकीजातीहै।मैं उनका दिमाग ठिकाने पर लगा दूँगा।कुछ पता है, वे उस बच्चे को लेकर कहाँ गये होंगे?
का ने कहा।
यह तो जंगल को ही पता होगा।मुझे लगता है सूरज जिधर डूबता है उस दिशा में।हमें लगता था कि शायद तुम्हें पता होगा।
बलू ने कहा।
मैं कैसे जान सकता हूँ?मैं बंदरों का शिकार नहीं करता हूँ।मैंतोउनसेतबहीनिबटताहूँजबकोईमेरेरास्तेमेंआजाए।मैंमेंढ़क,बंदरयापानीकेचिपचिपेजीवोंकाशिकारनहींकरता।ये मेरी शान के खिलाफ है।
का ने कहा।
तभी ऊपर आसमान से आवाज आई,ओसियोनीकेबलू,ओभेड़ियोंकेप्रोफेसर,ऊपरदेखो।
बलू ने ऊपर देखा तो ये चील की आवाज थी।वह तेजी से नीचे रही थी।धूप में उसके पंख बिजली की तरह चमक रहे थे।चीलपूरेजंगलमेंबलूकोखोजते——खोजतेथकगईथी,क्योंकिऊपरसेपेड़ोंकीचोटियाँहीदिखाईदेतीथीं।
बलू ने पूछा,क्या बात है?
मैंने मोगली को बंदर लोगों के साथ देखा है।उसने मुझे तुम्हारे लिए संदेश दिया है।मैंनेदेखाकिबंदरलोगउसेनदीकेउसपारजोखंडहरहैवहाँलेगयेहैं।वेवहाँहोसकताहैएकरातरुकें,यादसरातोंतकयाकेवलएकघंटेहीरुकें।मैंनेचमगादड़ोंसेकहाहैकिरातमेंउनपरनजररखें।मुझे यही समाचार तुम तक पहुँचाना था।अच्छा तो मैं चलता हूँ।अलविदा!
अलविदा चील, तुम्हारी यात्रा सुखद हो।
बघीरा जोर से बोला।
मैं तुम्हारा एहसान कभी नहीं भूलूंगा, ओ चील।अगलेशिकारकासिरमैंतुम्हारेलिएबचाकररखूँगा।तुम सबसे अच्छी चील हो।
बघीरा ने फिर कहा।
चील फिर से उनके ऊपर मंडराने लगी और बोली,अरे ये तो बस छोटा सा काम था।उस बच्चे ने जंगल का गूढ़ मंत्र बोला था।फिर तो मुझे इतना करना ही था।