आदमीनामा
नजीरअकबराबादी
दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
और मुफलिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी
जरदार बेनवा है सो है वो भी आदमी
निअमत जो खा रहा है सो है वो भी आदमी
टुकड़े जो चबा रहा है सो है वो भी आदमी
दुनिया में तरह तरह के आदमी होते हैं।अलग-अलग आदमी अलग-अलग जिम्मेदारियाँ लेता है।हर आदमी की अपनी अलग जीवन शैली होती है।अलग——अलगआदमीअलग——अलगकामकरतेहैं,अलग——अलगव्यवहारकरतेहैंऔरअलग——अलगगुणोंवालेहोतेहैं।
चाहे राजा हो या प्रजा;दोनों आदमी ही हैं।चाहे धनी हो या निर्धन;दोनों आदमी ही हैं।जोआदमीस्वादिष्टभोजनखारहाहैवोभीआदमीहैऔरजोसूखेटुकड़ोंपरपलरहाहैवोभीआदमीहै।
मसजिद भी आदमी ने बनाई है यां मियाँ
बनते हैं आदमी ही इमाम और खुतबाख्वाँ
पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज यां
और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ
जो उनको ताड़ता है सो है वो भी आदमी
जिसनेमस्जिदबनायाहैवहभीआदमीहैऔरउसमस्जिदमेंनमाजपढ़नेऔरपढ़वानेवालेभीआदमीहैं।मस्जिदकेबाहरसेजूतेचुरानेवालाभीआदमीहैऔरउसपरनजररखनेवालाभीआदमीहै।दूसरेशब्दोंमेंपापकरनेवालाभीआदमीहैऔरपुण्यकरनेवालाभीआदमीहै।
यां आदमी पै जान को वारे है आदमी
और आदमी पै तेग को मारे है आदमी
पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी
चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
और सुनके दौड़ता है सो है वो भी आदमी
किसीकीजानबचानेवालाऔरकिसीकीजानलेनेवालाभीआदमीहै।किसी की इज्जत लेने वाला भी आदमी है।किसीकोमददकेलिएपुकारनेवालाभीआदमीहैऔरउसकीपुकारपरदौड़करआनेवालाभीआदमीहै।
अशराफ और कमीने से ले शाह ता वजीर
ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपजीर
यां आदमी मुरीद है और आदमी ही पीर
अच्छा भी आदमी ही कहाता है ए नजीर
और सबमें जो बुरा है सो है वो भी आदमी
शरीफ से लेकर कमीने तक और शाह से लेकर वजीर तक;सभी आदमी ही हैं।कोईआदमीहीकिसीकेदिलकोखुशकरनेवालाकामकरताहै।आदमीहीसंतहोताहैऔरउससंतकाभक्तभीआदमीहीहोताहै।आदमी अच्छा भी होता है और बुरा भी।