धर्म की आड़
गणेशशंकरविद्यार्थी
NCERT解决方案
第2部分
निम्नलिखितप्रश्नोंकेउत्तर50 - 60शब्दोंमेंलिखिए:
问题1:धर्मऔरईमानकेनामपरकिएजानेवालेभीषणव्यापरकोकैसेरोकाजासकताहै吗?
उत्तर:धर्मऔरईमानकेनामपरकिएजानेवालेभीषणव्यापारकोरोकनेकेलिएधर्मकीउपासनासहीतरीकेसेकरनीहोगी।धर्म की उपासना के मार्ग में कोई खलल न हो।हरव्यक्तिकोअपनेढ़ंगसेधर्मकाआचरणकरनेकीआजादीहो।धर्मकोएकऐसाजरियाबनानाहोगाजिससेआपईश्वरसेसाक्षात्कारकरसकें,आत्माकोशुद्धकरसकेंऔरउसेऊँचाउठासकें।आपदूसरेकिसीकोभीउसकाधर्मपालनकरनेसेनरोकें।
问题2:“बुद्धिकीमार”केसंबंधमेंलेखककेक्याविचारहैं吗?
उत्तर:जबकोईव्यक्तिसाधारणमनुष्यकोधर्मकीआड़मेंलड़वाताहैतोयहबुद्धिकीमारहोतीहै।इसस्थितिमेंलोगोंकीबुद्धिपरपरदाडालकरपहलेईश्वरऔरआत्माकास्थानअपनेलिएलेलियाजाताहै।उसकेबादधर्म,ईमान,ईश्वरऔरआत्माकेनामपरलोगोंकोलड़वायाजाताहैताकिअपनीस्वार्थसिद्धिहोसके।
问题3:लेखककीदृष्टिमेंधर्मकीभावनाकैसीहोनीचाहिए吗?
उत्तर:लेखककेहिसाबसेधर्मकीउपासनाकेमार्गमेंकोईरुकावटनहो।हरव्यक्तिकोअपनेहिसाबसेधर्मकीभावनाकोजगानेकीस्वतंत्रताहोनीचाहिए।धर्मएकसाधनहोजिससेमनकासौदाहो,ईश्वरऔरआत्माकेबीचसंबंधस्थापितहो,औरजिससेआत्माशुद्धहो।कोई भी व्यक्ति दूसरे के धर्म में खलल न डाले।विभिन्नधर्मोंकेलोगोंकोआपसमेंटकरावसेबचनाचाहिए।
问题4:महात्मागांधीकेधर्मसंबंधीविचारोंपरप्रकाशडालिए।
उत्तर:महात्मा गांधी धर्म को हर जगह स्थान देते थे।वेबिनाधर्मकेएककदमभीचलनेकोतैयारनहींहोतेथे।महात्मागांधीकेलिएधर्मकामतलबऊँचेऔरउदारआदर्शहुआकरतेथे।वे सभी धर्म को समान भाव से देखते थे।
问题5:सबकेकल्याणहेतुअपनेआचरणकोसुधारनाक्योंआवश्यकहै吗?
उत्तर:यदिकोईआदमीसुबहदोघंटेपूजाकरताहैयादिनमेंपाँचोंवक्तनमाजपढ़ताहै,लेकिनउसकेबादपूरेदिनबेईमानीऔरधूर्ततामेंलिप्तरहताहैतोउसेधार्मिकनहींकहाजाएगा।यदिआपअपनेआचरणकोसुधारलेंऔरकिसीकेसाथगलतनाकरेंतभीआपधार्मिककहलाएँगे।समाजमेंसुखशांतिऔरसबकेकल्याणकेलिएजरूरीहैकिहरव्यक्तिअपनाआचरणसुधारले।
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए:
问题1:उबलपड़नेवालेसाधारणआदमीकाइसमेंकेवलइतनाहीदोषहैकिवहकुछभीनहींसमझता——बूझता,औरदूसरेलोगजिधरजोतदेतेहैं,उधरजुतजाताहै।
उत्तर:साधारणआदमीकोइतनापताहोताहैकिधर्मऔरईमानकेलिएजानभीदेनीपड़ेतोउचितहै।उसे धर्म का असली मर्म नहीं पता होता है।इसलिएउसेआसानीसेबहकायाजासकताहैऔरजिधरचाहेहाँकाजासकताहै।
问题2:यहाँहैबुद्धिपरपरदाडालकरपहलेईश्वरऔरआत्माकास्थानअपनेलिएलेना,औरफिरधर्म,ईमान,ईश्वरऔरआत्माकेनामपरअपनीस्वार्थसिद्धिकेलिएलोगोंकोलड़ानाभिड़ाना।
उत्तर:लेखकनेधर्मकेनामपरबहकाएजानेकोबुद्धिकीमारबतायाहै।धर्मकेनामपरपहलेतोलोगोंकीबुद्धिपरपरदाडालदियाजाताहै।उसकेबादचालाकलोगऐसेलोगोंकेदिमागमेंसेईश्वरऔरआत्माकोहटाकरअपनास्थानबनालेतेहैं।फिरअपनाउल्लूसीधाकरनेकेलिएयेधर्मकेनामपरलोगोंकोआपसमेंलड़वातेहैं।
问题3:अबतो,आपकापूजापाठनदेखाजाएगा,आपकीभलमनसाहतकीकसौटीकेवलआपकाआचरणहोगी।
उत्तर:लेखककामाननाहैकिआनेवालेसमयमेंआपकीपूजापाठसेयहतयनहींहोगाकिआपकितनेधार्मिकहैं।बल्किआपकेआचरणसेयहतयहोगाकिआपकितनेधार्मिकहैं।यदिकोईनास्तिकमनुष्यभीइमानदारहैऔरदूसरोंकोकष्टनहींपहुँचाताहैतोउसेएकधार्मिकमनुष्यमानाजाएगा।
问题4:तुम्हारेमाननेहीसेमेराईश्वरत्वकायमनहींरहेगा,दयाकरके,मनुष्यत्वकोमानो,पशुबननाछोड़ो,औरआदमीबनो।
उत्तर:ईश्वरभीऐसेलोगोंसेअपनेआपकोअलगकरलेगाजोधर्मकेनामपरदूसरोंकोप्रताड़ितकरतेहैं,यासमाजमेंउत्पातमचातेहैं।ईश्वरकाअस्तित्वकिसीकीपूजाअर्चनापरनहींटिकाहै।इसलिएईश्वरऐसेव्यक्तिकाहीसाथदेगाजोसहीमायनेमेंमनुष्यहैऔरदूसरेमनुष्योंकाआदरकरताहै।