उपभोक्तावाद की संस्कृति
श्यामाचरणदुबे
NCERT解决方案
问题1:लेखककेअनुसारजीवनमें”सुख”सेक्याअभिप्रायहै吗?
उत्तर:लेखक के अनुसार आज‘सुख’का अभिप्राय बदल गया है।उपभोक्तावाद के इस युग में भोग-उपभोग ही सुख है।यहाँ पर सुख में संतुष्टि का कोई मतलब नहीं है।
问题2:आजकीउपभोक्तावादीसंस्कृतिहमारेदैनिकजीवनकोकिसप्रकारप्रभावितकररहीहै吗?
उत्तर:आजकीउपभोक्तावादीसंस्कृतिहमारेदैनिकजीवनकोबुरीतरहप्रभावितकररहीहै।अबहमकिसीभीवस्तुकाइस्तेमालसिर्फइसलिएनहींकरतेहैंकिवहहमारीकिसीजरूरतकोपूराकरतीहैबल्किइसलिएकरतेहैंकिउससेहमकितनाअधिकदिखावाकरसकतेहैं।बहुतसीचीजेंहमऐसीखरीदलेतेहैंजिनकाहमकभीभीइस्तेमालनहींकरते।हमउन्हेंसिर्फइसलिएखरीदतेहैंकिउनकेविज्ञापननेहमेंयहमाननेकोमजबूरकरदियाकिउनकेबगैरसमाजमेंहमारीकोईप्रतिष्ठाहीनहींरहेगी।इसीतरहसेहमपाँचसिताराहोटलोंमेंशादीकाकार्यक्रमइसलिएरखतेहैंताकिसमाजमेंहमारीझूठीप्रतिष्ठामेंइजाफाहो।ऐसा करते समय हमें अक्सर फिजूलखर्ची करनी पड़ती है।
问题3:गांधीजीनेउपभोक्तासंस्कृतिकोहमारेसमाजकेलिएचुनौतीक्योंकहाहै吗?
उत्तर:गांधीजीनेकहाथाकिउपभोक्तावादहमारेसमाजकीनींवकोहिलारहाहै।इसलिए उपभोक्तावाद हमारे समाज के लिए चुनौती है।
问题4:आशय स्पष्ट कीजिए:
- जाने——अनजानेआजकेमाहौलमेंआपकाचरित्रभीबदलरहाहैऔरआपउत्पादकोसमर्पितहोतेजारहेहैं।
उत्तर:इसकथनकेद्वारालेखकनेलोगोंपरविज्ञापनसेहोनेवालेदुष्प्रभावोंकीतरफइशाराकियाहै।विज्ञापनअक्सरलुभावनेहोतेहैंजोआपकोकिसीउत्पादकोखरीदनेकेलिएललचातेहैं।आपकोलगनेलगताहैकिअमुकउत्पादकेइस्तेमालसेआपकिसीफिल्मस्टारकीतरहआकर्षकहोजाएँगे।अधिकतरलोगविज्ञापनसेइतनेप्रभावितहोजातेहैंकिअपनानैसर्गिकबर्तावछोड़करअन्यतरहसेबर्तावकरनेलगतेहैं। - प्रतिष्ठाकेअनेकरूपहोतेहैं,चाहेवेहास्यास्पदहीक्योंनहों।
उत्तर:प्रतिष्ठा कई प्रकार की हो सकती है।उनमेंसेएकहैसच्चीप्रतिष्ठाजिसेलंबेसमयकेअथकपरिश्रमकेद्वाराकमायाजाताहै।दूसरेप्रकारकीप्रतिष्ठाकोझूठीप्रतिष्ठाकहसकतेहैं,जिसेशोशेबाजीसेहासिलकियाजाताहै।ऐसी प्रतिष्ठा अक्सर हास्यास्पद होती है।लेखकनेइसेअमरीकामेंप्रचलितउनमहंगीसेवाओंसेदिखायाहैजोकिसीकेमरनेकेबादउसकीकब्रपरतरहतरहकीसुखसुविधाएँप्रदानकरकेदेतीहैं।जबएकबारआदमीमरजाताहैतोइससेक्याफर्कपड़ताहैकिउसकीकब्रमेंमिट्टीसेबनीईंटेंहैंयासोनेसेबनी।