स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन
महावीर प्रसाद द्विवेदी
NCERT锻炼
प्रश्न1:कुछपुरातनपंथीलोगस्त्रियोंकीशिक्षाकेविरोधीथे।द्विवेदीजीनेक्या——क्यातर्कदेकरस्त्रीशिक्षाकासमर्थनकिया吗?
उत्तर:द्विवेदीजीनेपुरानेजमानेकेऐसेकितनेउदाहरणदिएहैंजिनमेंपढ़ीलिखीस्त्रियोंकाउल्लेखहुआहै।इनउदाहरणोंकीमददसेवेइसकुतर्ककोझुठलानाचाहतेहैंकिपुरानेजमानेमेंस्त्रियोंकोपढ़ानेकीपरंपरानहींथी।वेयेभीबतातेहैंकिशायदपुरानेजमानेमेंस्त्रियोंकोविधिवतशिक्षादेनेकीजरूरतनहींपड़ीहोगी।लेकिनजबहमजरूरतकेहिसाबसेहरपद्धतिकोबदलसकतेहैंतोस्त्रीशिक्षाकेबारेमेंभीहमेंअपनीमानसिकताबदलनेकीजरूरतहै।
प्रश्न2:“स्त्रियोंकोपढ़ानेसेअनर्थहोतेहैं”——कुतर्कवादियोंकीइसदलीलकाखंडनद्विवेदीजीनेकैसेकियाहै,अपनेशब्दोंमेंलिखिए।
उत्तर:दिववेदीजीनएबतायाहैकिपुरुषोंनेस्त्रियोंकीतुलनामेंकहींज्यादाअनर्थकिएहैं।पुरुषोंनेयुद्धमेंमारकाटमचाईहै,चोरीकीहै,डाकाडालाहैऔरअन्यकईअपराधकिएहैं।इसलिएशिक्षाकोअनर्थकेलिएदोषदेनाउचितनहींहै।
प्रश्न3:द्विवेदीजीनेस्त्रीशिक्षाविरोधीकुतर्कोंकाखंडनकरनेकेलिएव्यंग्यकासहारालियाहै——जैसे;यहसबपापीपढ़नेकाअपराधहै।नवेपढ़तीं,नवेपूजनीयपुरुषोंकामुकाबलाकरतीं।”आपऐसेअंशोंकोनिबंधमेंसेछाँटकरसमझिएऔरलिखिए।
उत्तर:“सारादुराचारस्त्रियोंकोपढ़ानेकाहीनतीजाहै।”——इसव्यंग्यमेंउन्होंनेउसमानसिकतापरप्रहारकियाहैजोहरगलतघटनाकेलिएस्त्रियोंकीशिक्षाकोजिम्मेदारठहराताहै।“स्त्रियोंकेलिएपढ़नाकालकूटऔरपुरुषोंकेलिएपीयूषकाघूँट।”——इसपंक्तिकेद्वाराद्विवेदीजीस्त्रीशिक्षाकेविरोधियोंकीदोहरीमानसिकताकेबारेमेंबतारहेहैं।
प्रश्न4:पुरानेसमयमेंस्त्रियोंद्वाराप्राकृतभाषामेंबोलनाक्याउनकेअपढ़होनेकासबूतहै——पाठकेआधारपरस्पष्टकीजिए।
उत्तर:पुरानेजमानेमेंकईग्रंथप्राकृतमेंलिखेगयेथे।उदाहरणकेलिएबुद्धकेउपदेशोंकोप्राकृतमेंलिखागयाथा।शाक्यमुनि अपने उपदेश प्राकृत में ही देते थे।इससेयहपताचलताहैकिप्राकृतभाषाउससमयअत्यधिकलोगोंद्वाराबोलीजातीथी।इसकेअलावाहमेंएकखासभाषापरमहारतकोशिक्षाकेमुद्देसेअलगकरकेदेखनाहोगा।आधुनिकभारतमेंअंग्रेजीबोलनेमेंपारंगतलोगोंकोअधिकसंभ्रांतसमझाजाताहै।इसकायेमतलबनहींहैकिजोव्यक्तिअंग्रेजीबोलनानहींजानताउसेहमअशिक्षितकरारदेदें।
प्रश्न5:परंपराकेउन्हींपक्षोंकोस्वीकारकियाजानाचाहिएजोस्त्रीपुरुषसमानताकोबढ़ातेहों——तर्कसहितउत्तरदीजिए।
उत्तर:परंपराएँ कभी-कभी रूढ़ि बन जाती हैं।जबऐसीस्थितिहोजाएतोकिसीखासपरंपराकोतोड़नाहीसबकेहितमेंहोताहै।समयबदलनेकेसाथपुरानीपरंपराएँटूटतीहैंऔरनईपरंपराओंकानिर्माणहोताहै।इसलिएपरंपराकेउन्हींपक्षोंकोस्वीकारकरनाचाहिएजोस्त्रीपुरुषसमानताकोबढ़ातेहैं।
प्रश्न6:तबकीशिक्षाप्रणालीऔरअबकीशिक्षाप्रणालीमेंक्याअंतरहै吗?स्पष्टकरें।
उत्तर:अंग्रेजोंकेआनेसेपहलेतकभारतमेंशिक्षाकीकोईनियमबद्धप्रणालीनहींथी।वेदोंऔरपुराणोंकेजमानेमेंऋषिमुनिगुरुकुलोंमेंशिक्षादियाकरतेथे।ऐसेगुरुकुलोंमेंछात्रोंकोगृहस्थजीवनकेलिएहरजरूरीक्रियाकलापमेंदक्षताहासिलकरनीहोतीथी।इसकेअलावाउन्हेंएकअच्छेयोद्धाबननेकाप्रशिक्षणभीदियाजाताथा।आजकीशिक्षाप्रणालीअधिकपरिष्कृतऔरनियमबद्धहै।आज नाना प्रकार के विषयों के ज्ञान दिए जाते हैं।पहलेस्त्रियोंकीशिक्षाकेलिएकोईऔपचारिकव्यवस्थानहींथीलेकिनअबऐसीबातनहींहै।
प्रश्न7:महावीरप्रसादद्विवेदीकानिबंधउनकीदूरगामीऔरखुलीसोचकापरिचायकहै,कैसे吗?
उत्तर:महावीरप्रसादद्विवेदीजिसजमानेकेहैंउससेयहसाफपताचलताहैकिउनकीसोचकितनीआधुनिकथी।उसजमानेमेंअधिकाँशलोगस्त्रियोंकीशिक्षाकेखिलाफथे।ऐसेमेंकोईस्त्री——पुरुषसमानताकीबातकरेतोइसेदुस्साहसहीकहेंगे।महावीर प्रसाद का खुलापन इसी बात में झलता है।
प्रश्न8:द्विवेदीजीकीभाषाशैलीपरएकअनुच्छेदलिखिए।
उत्तर:महावीरप्रसादद्विवेदीनेखड़ीहिंदीकेप्रयोगकोबढ़ावादिया।उन्होंने भाषा को और शुद्ध तथा परिष्कृत किया।लेकिनउनकीभाषापाठकोंकेलिएदुरूहनहोजाएइसकाभीध्यानदिया।उन्होंनेअपनीभाषामेंसरलताभीलानेकीकोशिशकीथी।इसकेअलावाव्यंग्यकाउन्होंनेजमकरइस्तेमालकियाहै।व्यंग्य के इस्तेमाल से दो फायदे होते हैं।लेखक इससे पाठक को बाँधने में कामयाब हो जाता है।व्यंग्यकेमाध्यमसेगंभीरसेगंभीरबातभीआसानीसेकहीजासकतीहै।