संघवाद
शासनकीजिसव्यवस्थामेंकिसीदेशकीअवयवइकाइयोंऔरएककेंद्रीयशक्तिकेबीचसत्ताकीसाझेदारीहोउसव्यवस्थाकोसंघवादकहतेहैं।संघीयव्यवस्थामेंअक्सरसरकारकेदोस्तरहोतेहैं।पहलेस्तरपरपूरेदेशकेलिएकेंद्रसरकारहोतीहैऔरदूसरेस्तरपरराज्यसरकारेंहोतीहैं।दोनोंस्तरकीसरकारेंअपनाप्रशासनचलानेकेलिएएकदूसरेसेस्वतंत्रहोतीहैं।
भारतीयगणराज्य:भारतकेसंविधानमें”गणराज्य”शब्दकाउल्लेखनहींहै,लेकिनभारतीयराष्ट्रकोसंघीयव्यवस्थापरबनायागयाहै।भारतकेसंविधानकेअनुसारदोस्तरकेशासनतंत्रकाप्रावधानहै।पहलेस्तरपरकेंद्रीयसरकारहैजोभारतीयसंघकाप्रतिनिधित्वकरतीहै।दूसरेस्तरपरराज्यसरकारेंहैंजोराज्योंकाप्रतिनिधित्वकरतीहैं।बादमेंएकतीसरेस्तरकोजोड़ागया,जोपंचायतऔरनगरपालिकाकेरूपमेंहै।
संघीय व्यवस्था के मुख्य लक्षण:
- इसतरहकीशासनव्यवस्थामेंदोयादोसेअधिकस्तरहोतेहैं।
- शासनकेविभिन्नस्तरनागरिकोंकेएकहीसमूहपरशासनकरतेहैं।अलग-अलग स्तर के अधिकार क्षेत्र अलग-अलग होते हैं।
- संविधानद्वाराहरस्तरकीसरकारकेअस्तित्वऔरअधिकारक्षेत्रकोगारंटीमिलीहोतीहै।
- संविधानकेकिसीभीस्तरद्वाराअकेलेयहसंभवनहींहोताहैकिसंविधानकेमूलभूतप्रावधानोंकोबदले।इसकेलिएसरकारकेदोनोंस्तरोंकीसहमतिकीजरूरतपड़तीहै।
- न्यायालयकाअधिकारहोताहैसंविधानकाअर्थनिकालनाऔरसरकारकेविभिन्नस्तरोंकेकार्योंकाव्याख्यानकरना।जबसरकारकेविभिन्नस्तरोंकेबीचअधिकारोंकोलेकरकोईमतभेदउत्पन्नहोताहैतोसर्वोच्चन्यायालयकिसीअम्पायरकीतरहकामकरताहै।
- सरकारकेहरस्तरकेलिएवित्तकेस्रोतकास्पष्टविवरणकियागयाहै।इससेविभिन्नस्तरकेसरकारोंकीवित्तीयस्वायत्ततासुनिश्चितकीजातीहै।
संघीयढ़ाँचेकेदोउद्देश्यहोतेहैं:देशकीएकताकोबलदेनाऔरक्षेत्रीयविविधताकोसम्मानदेना।
एकआदर्शसंघीयव्यवस्थाकेदोपहलूहोतेहैं:पारस्परिकविश्वासऔरसाथरहनेपरसहमति।यहजरूरीहोताहैकिसरकारकेविभिन्नस्तरोंकेबीचसत्ताकीसाझेदारीकेनियमोंपरसहमतिहो।विभिन्नस्तरोंमेंपरस्परयहविश्वासभीजरूरीहोताहैकिवेअपनेअपनेअधिकारक्षेत्रोंकोमानेंऔरएकदूसरेकेअधिकारक्षेत्रोंमेंदखलंदाजीनहींकरें।
सत्ता का संतुलन
अलग——अलगदेशोंकेसंघीयढ़ाँचेमेंकेंद्रऔरराज्यसरकारोंकेबीचअलग——अलगतरहसेसत्ताकासंतुलनहोताहै।जिसऐतिहासिकपरिप्रेक्ष्यपरसंघकानिर्माणहुआथाउसपरयहसंतुलननिर्भरकरताहै।
संघोंकेनिर्माणकेदोतरीकेहैंजोनिम्नलिखितहैं:
सबको साथ लाकर संघ बनाना:इसतरहकीव्यवस्थामेंस्वतंत्रराज्यअपनेआपएकदूसरेसेमिलकरएकसंघकानिर्माणकरतेहैं।इससेउनराज्योंकीस्वायत्तताबनीरहतीऔरउनकीसुरक्षाबढ़जातीहै।ऐसीव्यवस्थामेंकेंद्रकीतुलनामेंराज्योंकेपासअधिकशक्तिहोतीहै।संयुक्तराज्यअमेरिका,स्विट्जरलैंडऔरऑस्ट्रेलियामेंइसप्रकारकीसंघीयव्यवस्थाहै।
सबको जोड़कर संघ बनाना:इसतरहकीव्यवस्थामेंएकबहुतबड़ीविविधतावालेक्षेत्रकोएकसाथरखनेकेलिएसत्ताकीसाझेदारीहोतीहै।ऐसीव्यवस्थामेंराज्योंकीतुलनामेंकेंद्रअधिकशक्तिशालीहोताहै।,सभारत्पेनऔरबेल्जियममेंइसप्रकारकीसंघीयव्यवस्थाहै।
विषयों की लिस्ट:
- यूनियनलिस्ट:इसलिस्टमेंऐसेविषयोंकोरखाजाताहैजोराष्ट्रीयमहत्वकेहोतेहैं।जिनविषयोंपरपूरेदेशमेंएकजैसीनीतिकीजरूरतहोतीहैउन्हेंयूनियनलिस्टमेंरखाजाताहै।इनविषयोंपरकानूनबनानेकाअधिकारकेवलकेंद्रसरकारकेपासहोताहै।उदाहरण:देशकीसुरक्षा,विदेशनीति,बैंकिंग,सूचनाप्रसारणऔरमुद्रा।
- स्टेटलिस्ट:इसलिस्टमेंस्थानीयमहत्वकेविषयोंकोरखाजाताहै।इनविषयोंपरकानूनबनानेकाअधिकारराज्यसरकारकेपासहोताहै।उदाहरण;पुलिस, व्यापार, वाणिज्य, कृषि और सिंचाई।
- साझालिस्ट:इस लिस्ट को कॉनकरेंट लिस्ट भी कहते हैं।इसलिस्टमेंसाझामहत्वकेविषयोंकोरखाजाताहै।इनविषयोंपरकानूनबनानेकाअधिकारकेंद्रऔरराज्यदोनोंकेपासहोताहै।यदिऐसेविषयोंकेमामलेमेंकेंद्रऔरराज्यसरकारोंद्वाराबनायेगयेनियमोंमेंटकरावकीस्थितिउत्पन्नहोतीहैतोकेंद्रसरकारद्वाराबनायागयाकानूनमान्यहोताहै।उदाहरण;शिक्षा,वन,ट्रेडयूनियन,विवाह,दत्तकअभिग्रहण,उत्तराधिकार,आदि।
- बची हुई लिस्ट:ऊपरदीगईकिसीभीलिस्टकेबाहरकेविषयकोबचेहुएविषयोंकीलिस्टमेंरखाजाताहै।ऐसेविषयोंपरकानूनबनानेकाअधिकारकेवलकेंद्रसरकारकेपासहोताहै।
विशेषदर्जा:कुछसीमावर्तीराज्योंकोविशेषदर्जादियागयाहै।इनमेंसेकुछराज्योंमेंअन्यराज्योंकेलोगोंकोजमीनखरीदनेकाअधिकारनहींहोताहै।
केंद्र शासित प्रदेश:भारतीयगणराज्यकीकुछइकाइयोंकाक्षेत्रफलकमहोनेकेकारणउन्हेंएकराज्यकादर्जानहींदियाजासकताहै।कुछअन्यऐतिहासिकऔरसांस्कृतिककारणोंसेइन्हेंकिसीअन्यराज्यमेंमिलायाभीनहींजासकताहै।इनइकाइयोंकोकेंद्रशाषितप्रदेशकीश्रेणीमेंरखागयाहै।इनक्षेत्रोंकेप्रशासनकेलिएकेंद्रसरकारकेपासविशेषअधिकारहोतेहैं:उदाहरण;दिल्ली,चंडीगढ़,अंडमाननिकोबार,दादरनगरहवेली,दमनदीव,आदि।
भारतमेंसत्ताकीसाझेदारीकिप्रणालीयहाँकेसंविधानकीमूलभूतसंरचनामेंहै।पिछलेअध्यायमेंआपनेपढ़ाहैकिसंविधानकीमूलभूतसंरचनामेंबदलावलानाबहुतकठिनहै।अकेले संसद द्वारा यह संभव नहीं है।ऐसाकरनेकेलिएपहलेतोउसेसंसदकेदोनोंसदनोंसेदोतिहाईबहुमतसेपासकरानाहोगा।उसकेबादकमसेकमआधेराज्योंकीविधानसभाओंसेपासकरानाहोगा।