संघीयव्यवस्था
भारत में संघीय व्यवस्था की सफलता के कारण
भाषायीराज्य:भारत में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं।साथमेंयहाँभौगोलिक,जातीय,सांस्कृतिकविविधताएँभीहैं।कुछराज्योंकागठनभाषाकेआधारपरकियागयाहै,जैसेतमिलनाडु,पश्चिमबंगाल,उड़ीसा,महाराष्ट्र,आदि।कुछराज्योंकागठनभूगोल,जातीयता,संस्कृति,आदिकेआधारपरहुआहै,जैसेनागालैंड,उत्तराखंड,झारखंड,आदि।
भाषानीति:भारतकेसंविधाननेकिसीभीभाषाकोराष्ट्रभाषाकादर्जानहींदियाहै।हिंदीकोआधिकारिकभाषाकीमान्यताप्राप्तहै,लेकिनहिंदीकेवल40%लोगोंकीहीमातृभाषाहै।इसलिएयहजरूरीहोजाताहैकिदूसरीभाषाओंकीरक्षाकीजाये।इसलिएहिंदीकेअलावा21अन्यभाषाओंकोअनुसूचितभाषाकादर्जादियागयाहै।
केंद्र और राज्य के रिश्ते:भारतकीसंघीयव्यवस्थाकोमजबूतकरनेकेलिएकेंद्रऔरराज्यकेबीचरिश्तोंकापुनर्गठनभीकियागयाहै।
कांग्रेस की मोनोपॉली के समय की स्थिति:
आजादीकेबादएकलंबेअरसेतकभारतमेंकॉंग्रेसपार्टीकाएकाधिकारथा,जबभारतकेअधिकांशहिस्सोंमेंइसीपार्टीकीसरकारहुआकरतीथी।इसदौरमेंअक्सरराज्यसरकारकेअधिकारोंकीअवहेलनाकेंद्रसरकारद्वाराकीजातीथी।छोटीसेछोटीबातपरकिसीभीराज्यमेंराष्ट्रपतिशासनलगनाआमबातहुआकरतीथी।
आजादीकेबादएकलंबेसमयतकभारतकेअधिकांशहिस्सोंमेंकेंद्रऔरराज्यमेंएकहीपार्टीकीसरकारहुआकरतीथी।यह कांग्रेस की मोनोपॉली का दौर था।उसदौरमेंऐसाअक्सरहोताथाजबकेंद्रसरकारद्वाराराज्यसरकारकेअधिकारोंकीअवहेलनाकीजातीथी।छोटीसेछोटीबातपरकिसीभीराज्यमेंराष्ट्रपतिशासनलगादियाजाताथा।
गठबंधन सरकार के दौर की स्थिति:
1989年केबादकांग्रेसकीमोनोपॉलीकादौरसमाप्तहुआऔरफिरकेंद्रमेंगठबंधनसरकारकादौरशुरुहुआ।इसकाअसरयहहुआकिराज्यसरकारकीस्वायत्तताकोअधिकसम्मानमिलनेलगाराज्योंकीसत्तमेंसाझेदारीभीबढ़गई।इसकेपरिणामस्वरूपभारतमेंसंघीयव्यवस्थाकोऔरअधिकबलमिला।
भारत में भाषायी विविधता:
हमयहआसानीसेकहसकतेहैंकिभाषाओंकेमामलेमेंभारतदुनियाकासबसेविविधतापूर्णदेशहै।1991年कीजनगणनाकेअनुसारभारतमें1500अलग——अलगभाषाएँहैं।इनभाषाओंकोमिलाकरभाषाओंकेकुछमुख्यसमूहबनाएगयेहैं।जैसेकिहिंदीकेसमूहमेंभोजपुरी,मगधी,बुंदेलखंडी,छत्तीसगढ़ी,राजस्थानी,आदिकईभाषाओंकोरखागयाहै।इस तरह से भारत में 114 मुख्य भाषाएँ हैं।इनमुख्यभाषाओंमेंसे22भाषाओंकोसंविधानकेआठवेंअनुच्छेदमेंअनुसूचितभाषाओंकीलिस्टमेंरखागयाहै।अन्यभाषाओंकोअ——अनुसूचितभाषाकीश्रेणीमेंरखागयाहै।
भारत में विकेंद्रीकरण:
भारतजैसेविशालदेशमेंदोस्तरोंवालीसरकारसेकामचलानाएककठिनकामहै।भारतकेकुछराज्यतोयूरोपकेकईदेशोंसेभीबड़ेआकारकेहैं।उत्तरप्रदेशकीजनसंख्यातोरूसकीजनसंख्यासेभीअधिकहै।उत्तरप्रदेशमेंबोली,खानपानऔरसांस्कृतिकविविधतादेखनेकोमिलतीहै।
स्थानीयमुद्दोंकानिपटारास्थानीयस्तरपरहीकरनासहीहोताहै।सरकारीतंत्रमेंलोगोंकीसीधीभागीदारीस्थानीयसरकारकेमाध्यमसेहीसुनिश्चितकीजासकतीहै।इसलिएहमारेदेशमेंसरकारकेएकतीसरेस्तरकोबनानेकीजरूरतमहसूसहुई।
1992年सरकारनेमेंविकेंद्रीकरणकीदिशामेंएकमहत्वपूर्णकदमउठाया।लोकतंत्रकेतीसरेस्तरकोअधिककुशलऔरशक्तिशालीबनानेकेलिएसंविधानमेंसंशोधनकियागया।इससंशोधनकेद्वारास्थानीयस्वशासीनिकायोंकोसंवैधानिकदर्जाप्रदानकियागया।
- अबस्थानीयनिकायोंकेनियमितचुनावकरवानासंवैधानिकरूपसेअनिवार्यहोगयाहै।
- इननिकायोंमेंअनुसूचितजाति,अनुसूचितजनजातिऔरअन्यपिछड़ीजातियोंकेलियेसदस्योंऔरपदाधिकारियोंकेसीटरिजर्वहोतेहैं।
- सभीसीटोंकाकमसेकमएकतिहाईमहिलाओंकेलियेआरक्षितहोताहै।
- पंचायतऔरम्यूनिसिपलकेचुनावोंकोसुचारुरूपसेकरवानेकेलियेहरराज्यमेंएकस्वतंत्र”राज्यचुनावआयोग”कागठनकियागयाहै।
- राज्यसरकारोंकोअपनेराजस्वकाकुछहिस्सास्थानीयनिकायोंकोदेनाहोगा।अलग-अलग राज्यों में यह हिस्सा अलग-अलग हो सकता है।
पंचायतीराज:
- ग्रामीणक्षेत्रमेंस्थानीयस्वशाषीनिकायकोआमभाषामेंपंचायतीराजकहतेहैं।
- हरगाँवयाकुछगाँवोंकेएकसमूहमेंएकग्रामपंचायतहोतीहै।यह कई वार्ड सदस्य (पंच) का एक समूह होता है।पंचायत के अध्यक्ष को सरपंच कहते हैं।
- पंचायतकेसदस्योंकाचुनावउसपंचायतमेंरहनेवालेवयस्कोंद्वाराकियाजाताहै।
- स्थानीयस्वशासीसंरचनाजिलेयाजनपदकेस्तरतकहोतीहै।
पंचायतसमिति:कुछग्रामपंचायतोंकोमिलाकरएकपंचायतसमितियाप्रखंडयामंडलबनताहै।इसमंडलीकेसदस्योंकाचुनावउसक्षेत्रकेसभीपंचायतोंकेसदस्योंद्वाराकियाजाताहै।
जिलापरिषद:एकजिलेकीसारीपंचायतसमितियाँमिलकरजिलापरिषदकानिर्माणकरतीहैं।जिला परिषद के अधिकतर सदस्य चुनकर आते हैं।उसजिलेकेलोकसभाकेसदस्य,विधानसभाकेसदस्यऔरजिलास्तरकेअन्यनिकायोंकेकुछअधिकारीभीजिलापरिषदकेसदस्यहोतेहैं।जिलापरिषदकाराजनैतिकमुखियाजिलापरिषदकाअध्यक्षहोताहै।
नगरपालिका:शहरोंमेंस्थानीयस्वशासीनिकायकोनगरपालिकाकहतेहैं।बड़ेशहरोंमेंम्यूनिसिपलकॉरपोरेशनकागठनहोताहै।नगरपालिकाकेसदस्यकोवार्डकाउंसिलरकहतेहैं,जिनकाचुनावलोगोंद्वाराहोताहै।वार्ड काउंसिलर अपने चेअरमैन का चुनाव करते हैं।म्यूनिसिपलकॉरपोरेशनमेंचेअरमैनकोमेयरकहाजाताहै।