लोकतंत्र की चुनौतियाँ
चुनौती का मतलब:वैसीसमस्याकोचुनौतीकहतेहैंजोमहत्वपूर्णहो,जिससेपारपायाजासकेऔरजिसमेंआगेबढ़नेकेअवसरछुपेहों।
लोकतंत्र की मुख्य चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं:
- आधार तैयार करने की चुनौती
- विस्तार की चुनौती
- लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करना
आधार तैयार करने की चुनौती
आजभीविश्वकेएकचौथाईहिस्सेमेंलोकतंत्रनहींहै।इनइलाकोंमेंआधारतैयारकरनाहीलोकतंत्रकीचुनौतीहै।इनदेशोंसेतानाशाहीकोहटानेकीजरूरतहैऔरवहाँकीसरकारपरसेसेनाकेनियंत्रनकोदूरकरनेकीचुनौतीहै।इसे समझने के लिए नेपाल का उदाहरण लेते हैं।नेपाल में हाल हाल तक राजतंत्र हुआ करता था।लोगोंकेवर्षोंलंबेआंदोलनकेबादनेपालमेंलोकतांत्रिकसरकारनेराजतंत्रकोहटादिया।अभीनयाहोनेकेकारणनेपालमेंलोकतंत्रकाआधारबनानेकीचुनौतीहै।
विस्तार की चुनौती
लोकतंत्रकेविस्तारकामतलबहोताहैदेशकेहरक्षेत्रमेंलोकतंत्रकेमूलभूतसिद्धांतोंकोलागूकरनाऔरलोकतंत्रकेप्रभावकोसमाजकेहरवर्गऔरदेशकीहरसंस्थातकपहुँचाना।लोकतंत्रकेविस्तारकीचुनौतीकेकईउदाहरणहैं,जैसेकिकिस्थानीयस्वशाषीनिकायोंकोअधिकशक्तिप्रदानकरना,संघकेहरइकाईकोसंघवादकेप्रभावमेंलाना,महिलाओंऔरअल्पसंख्यकोंकोमुख्यधारासेजोड़ना,आदि।
लोकतंत्रकेविस्तारकाएकऔरअर्थहैऐसेफैसलोंकीसंख्याकमकरनाजिन्हेंलोकतांत्रिकप्रक्रियासेहटकरलेनापड़े।
लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करना
यह चुनौती हर लोकतंत्र के सामने आती है।लोकतंत्रकीप्रक्रियाओंऔरसंस्थानोंकोमजबूतकरनेसेलोकतंत्रकीजड़ेंमजबूतहोतीहैं।इससेलोगोंकोलोकतंत्रसेअपनीअपेक्षाओंकेबारेमेंसहीसहीपताचलताहै।अलग——अलगसमाजमेंलोगोंकीलोकतंत्रसेअलग——अलगअपेक्षाएँहोतीहैं।
अस्सीकेदशकतकभारतमेंजबचुनावहोतेथेतोबूथलूटनेऔरफर्जीमतदानकरनेकीघटनाआमबातहोतीथी।नब्बेकेदशककीशुरुआतमेंटीएनशेषणकोमुख्यचुनावआयुक्तबनायागया।टीएनशेषणनेकईऐसेकदमउठाएजिनसेराजनीतिकदलोंमेंअनुशासनआया।उसके बाद बूथ लूटने की घटनाएँ लगभग नगण्य हो गई।उसकेबादसेलोगोंकाचुनावआयोगपरविश्वासबढ़गया।
अलग——अलगदेशोंमेंलोकतंत्रकीअलग——अलगचुनौतियँहोतीहैं।कोईभीदेशकिसतरहकीचुनौतीकासामनाकरताहैयहइसपरनिर्भरकरताहैकिवहदेशलोकतांत्रिकविकासकेकिसचरणपरहै।