उपभोक्ता के अधिकार
बाजार और उपभोक्ता
जबआपकिसीउत्पादकाइस्तेमालकरतेहैंतोआपउपभोक्ताबनजातेहैंबाजारमेंभागीदारबनजातेहैं।उपभोक्ताकेबिनाकिसीकम्पनीकाअस्तित्वहोहीनहींसकता।लेकिनइसकेबावजूदउपभोक्ताकोसमुचितअधिकारनहींमिलपातेहैं।आपनेदेखाहोगाकिकईदुकानदारवजनसेकमतौलतेहैं।मिठाईवालेतोमिठाईकेसाथडिब्बेकावजनभीतौलदेतेहैं।खाने पीने की चीजों में मिलावट आम बात होती है।लेकिनयदिआपनेदुकानदारसेइसकीशिकायतकरनेकीहिम्मतकीतोवहआपसेझगड़ाकरनेलगेगा।
भारत में उपभोक्ता आंदोलन
मिलावट,कालाबाजारी,जमाखोरी,कमवजन,आदिकीपरंपराभारतकेव्यापारियोंकेबीचकाफीपुरानीहै।भारतमेंउपभोक्ताआंदोलन1960केदशकमेंशुरुहुएथे।1970年लेकिनकेदशकतकइसप्रकारकेआंदोलनकामतलबकेवलअखबारोंमेंलेखलिखनाऔरप्रदर्शनीलगानाहीहोताथा।विगत कुछ वर्षों से इस आंदोलन ने गति पकड़ी है।
विक्रेताओंऔरसेवाप्रदाताओंकेप्रतिअसंतुष्टिइतनीअधिकहोगईकिलोगोंकेपासआंदोलनकरनेकेअलावाऔरकोईरास्तानहींबचाथा।सरकारनेभीएकलंबेसंघर्षकेबादउपभोक्ताओंकीसुधिली।इसकेनतीजाहुआकिसरकारने1986मेंकंज्यूमरप्रोटेक्शनऐक्ट(कोपरा)कोलागूकिया।
उपभोक्ता के अधिकार
सूचना पाने का अधिकार
उत्पादकेबारेमेंसहीजानकारीपानेकाअधिकारहरउपभोक्ताकोहोताहै।नयेकानूनकेअनुसारउत्पादकेपैकपरअवयवोंऔरसुरक्षाकीजानकारीदेनाअनिवार्यहै।इससेउपभोक्ताकोउत्पादखरीदतेसमयसहीनिर्णयलेनेमेंमददमिलतीहै।उत्पादकेपैकपरअधिकतमखुदरामूल्य(एमआरपी)लिखनाभीअनिवार्यहोगयाहै।यदिकोईदुकानदारएमआरपीसेअधिकमूल्यलेताहैतोउपभोक्ताइसकीशिकायतकरसकताहै।
चयन का अधिकार
उपभोक्ताकेपासविकल्पचुननेकाअधिकारहोनाचाहिए।कोईभीविक्रेताकिसीभीउत्पादकाकेवलएकहीब्रांडनहींबेचसकताहै।ऐसाइसलिएकियागयाहैताकिमोनोपॉलीकोरोकाजासके।मोनोपॉली हमेशा ग्राहक के हितों के खिलाफ होती है।
क्षतिपूर्ति निवारण का अधिकार
यदिकिसीउत्पादमेंकिसीत्रुटिकेकारनउपभोक्ताकोकोईक्षतिहोतीहैतोउसकेपासक्षतिपूर्तिनिवारणकाअधिकारहोताहै।मानलीजिएकिकिसीनेएककुर्सीखरीदीऔरपहलेदिनहीकुर्सीटूटनेकेकारणकोईघायलहोगया।ऐसीस्थितिमेंउपभोक्ताकोकुर्सीविक्रेतासेहर्जानेकाअधिकारहोताहै।
कंज्यूमरफोरम
उपभोक्ताकेहितोंकीरक्षाकेलियेस्थानीयस्तरपरगठितसंस्थाओंकोकंज्यूमरफोरमयाकंज्यूमरप्रोटेक्शनकाउंसिलकहतेहैं।येसंस्थाएँकंज्यूमरकोर्टमेंमुकदमादायरकरनेमेंउपभोक्ताकामार्गदर्शनकरतीहै।कुछमामलोंमेंतोऐसीसंस्थाएँकंज्यूमरकोर्टमेंउपभोक्ताकीओरसेवकालतभीकरतीहैं।उपभोक्ताकीजागरूकताबढ़ानेकेलिएइनसंस्थाओंकोसरकारकीओरसेअनुदानभीदियाजाताहै।
कईरिहायशीइलाकोंमेंआजकलरेजिडेंटवेलफेअरएसोसियेशनहोतेहैं।यदिऐसेकिसीएसोसियेशनकेकिसीभीसदस्यकोकिसीविक्रेतायासर्विसप्रोवाइडरद्वाराठगागयाहोतोयेउससदस्यकेलियेमुकदमाभीलड़तेहैं।
कंज्यूमरकोर्ट
यह तीन स्तर वाली एक अर्ध-न्यायिक व्यवस्था है ।इनस्तरोंकेनामहैं:जिलास्तरकेकोर्ट,राज्यस्तरकेकोर्टऔरराष्ट्रीयस्तरकेकोर्ट।जिलास्तरकेकोर्टमें20लाखरुपयेतककेक्लेमवालेकेससुनवाईकेलियेजातेहैं।राज्यस्तरकेकोर्टमें20लाखसे1करोड़रुपयेतककेकेसजातेहैं।राष्ट्रीयस्तरकेकंज्यूमरकोर्टमें1करोड़सेअधिककेक्लेमवालेकेसजातेहैं।यदिकोईकेसजिलास्तरकेकोर्टद्वाराखारिजकरदियाजाताहैतोउपभोक्ताकोराज्यस्तरपर;और उसके बाद;राष्ट्रीय स्तर पर अपील करने का अधिकार होता है।
राष्ट्रीय कंज्यूमर दिवस
भारतकेसंसदद्वारा24दिसंबरकोकंज्यूमरप्रोटेक्शनएक्टलागूहुआथा।इसीदिनकोराष्ट्रीयकंज्यूमरदिवसकेरूपमेंमनायाजाताहै।भारतउनगिनेचुनेदेशोंमेंसेहैजहाँउपभोक्ताकीसुनवाईकेलियेअलगसेकोर्टहैं।हालकेसमयमेंउपभोक्ताआंदोलननेभारतमेंअच्छीपैठबनाईहै।ताजाआँकड़ोंकेअनुसारभारतमें700सेअधिककंज्यूमरग्रुपहैं।उनमेसे20 - 25अच्छीतरहसेसंगठितहैंऔरअपनेकामकेलियेजानेजातेहैं।
लेकिनउपभोक्ताकीसुनवाईकीप्रक्रियाजटिल,महंगीऔरलंबीहोतीजारहीहै।उपभोक्तावकीलोंकीऊँचीफीसकेकारणअक्सरमुकदमेलड़नेकीहिम्मतहीनहींजुटापाताहै।