अलमुनियमप्रगलन
भारतमेंअलमुनियमप्रगलनदूसरासबसेमहत्वपूर्णधातुशोधनउद्योगहै।अलमुनियम को अक्सर मिश्रधातु में बदला जाता है।इसमिश्रधातुकाइस्तेमालविभिन्नउत्पादोंकेनिर्माणमेंकियाजाताहै।
भारत में अलमुनियम प्रगलन के आठ प्लांट हैं।येउड़ीसा(नालकोऔरबालको),पश्चिमबंगाल,केरल,उत्तरप्रदेश,छत्तीसगढ़,महाराष्ट्रऔरतामिलनाडुमेंहैं।2004年मेंभारतमें600मिलियनटनअलमुनियमकाउत्पादनहुआथा।
रसायनउद्योग
रसायनउद्योगकाभारतकेसकलघरेलूउत्पादमेंशेअर3%है।भारतकारसायनउद्योगकास्थानएशियामेंतीसराहैऔरविश्वमेंबारहवांहै।
अकार्बनिकरसायन
सल्फ्यूरिकएसिड,नाइट्रिकएसिड,अल्काली,सोडाऐशऔरकॉस्टिकसोडाअकार्बनिकरसायनहैं।सल्फ्यूरिकएसिडकाइस्तेमालउर्वरक,सिंथेटिकफाइबर,प्लास्टिक,एढ़ेसिव,पेंटऔरडाईबनानेमेंकियाजाताहै।सोडाऐशकाइस्तेमालकाँच,साबुन,डिटर्जेंट,कागज,आदिबनानेमेंहोताहै।
कार्बनिकरसायन
पेट्रोकेमिकल इस श्रेणी में आता है।पेट्रोकेमिकलकाइस्तेमालसिंथेटिकफाइबर,सिंथेटिकरबर,प्लास्टिक,डाई,दवा,आदिबनानेमेंहोताहै।कार्बनिकरसायनकीफैक्टरियाँतेलरिफाइनरीऔरपेट्रोकेमिकलप्लांटकेआसपासमौजूदहैं।
रसायन उद्योग ही अपना सबसे बड़ा ग्राहक होता है।
उर्वरकउद्योग
उर्वरकउद्योगमेंमुख्यरूपसेनाइट्रोजनयुक्तउर्वरक,फॉस्फ़ेटिकउर्वरक,अमोनियमफॉस्फेटऔरकॉम्प्लेक्सउर्वरककाउत्पादनहोताहै।कॉम्प्लेक्सउर्वरकमेंनाइट्रोजन,फॉस्फेटऔरपोटाशकासमावेशहोताहै।भारतकेपासवाणिज्यिकरूपसेइस्तेमाललायकपोटाशयापोटैशियमउत्पादकेभंडारनहींहोनेकेकारणभारतकोपोटाशकाआयातकरनापड़ताहै।
भारतनाइट्रोजनयुक्तउर्वरककाविश्वकातीसरासबसेबड़ाउत्पादकहै।यहाँ57खादकारखानेहैंजहाँनाइट्रोजनयुक्तउर्वरकऔरकॉम्प्लेक्सउर्वरककाउत्पादनहोताहै।उनमेंसे29कारखानोंमेंयूरियाकाउत्पादनहोताहैऔर9कारखानोंमेंबाइप्रोडक्टकेरूपमेंअमोनियमसल्फेटकाउत्पादनहोताहै।यहाँ68छोटेकारखानेहैंजोसिंगलसुपरफॉस्फेटबनातेहैं।
सीमेंटउद्योग
- सीमेंटउद्योगमेंप्रयोगहोनेवालाकच्चामालभारीहोताहै;जैसे चूना पत्थर, सिलिका, एल्यूमिना और जिप्सम।गुजरातमेंसीमेंटकेकईकारखानेहैंक्योंकिवहाँबंदरगाहनजदीकहै।
- भारतमेंसीमेंटके128बड़ेऔर323छोटेकारखानेहैं।
- भारतकेसीमेंटकोक्वालिटीमेंसुधारकेबादसेपूर्वीएशिया,गल्फदेशों,अफ्रिकाऔरदक्षिणएशियामेंअच्छाबाजारमिलगयाहै।उत्पादनऔरनिर्यातकेमामलेमेंयहउद्योगअच्छाप्रदर्शनकररहाहै।
मोटरगाड़ीउद्योग
आज भारत में लगभग हर किस्म की मोटरगाड़ी बनती है।1991年कीआर्थिकउदारवादीनीतियोंकेबादकईमोटरगाड़ीकम्पनियोंनेभारतमेंअपनाकामशुरुकिया।मोटरगाड़ी के लिए आज भारत अच्छा बाजार बन गया है।भारतमेंअभीकारऔरमल्टीयूटिलिटीवेहिकलके15निर्माता,कॉमर्सियलवेहिकलके9निर्माताऔरदोपहियावाहनके15निर्माताहैं।दिल्ली,गुड़गाँव,मुम्बई,पुणे,चेन्नई,कोलकाता,लखनऊ,इंदौर,हैदराबाद,जमशेदपुर,बंगलोर,सानंद,पंतनगर,आदिमोटरगाड़ीउद्योगकेमुख्यकेंद्रहैं।
सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग
सूचनाप्रौद्योगिकीऔरइलेक्ट्रॉनिकउद्योगकामुख्यकेंद्रबंगलोरहै।मुम्बई,पुणे,दिल्ली,हैदराबाद,चेन्नई,कोलकाता,लखनऊऔरकोयम्बटूरइसउद्योगकेअन्यमुख्यकेंद्रहैं।देशमें18सॉफ्टवेयरटेक्नॉलोजीपार्कहैंजहाँसॉफ्टवेयरविशेषज्ञोंकोएकलविंडोसेवाऔरउच्चडाटासंचारकीसुविधामिलतीहै।
इसउद्योगसेभारीसंख्यामेंरोजगारकासृजनहुआहै।2005年31मार्चतक10लाखसेअधिकलोगसूचनाप्रौद्योगिकीमेंकार्यरतहैं।हालकेवर्षोंमेंबीपीओमेंतेजीसेवृद्धिहोनेकेकारणइससेक्टरसेविदेशीमुद्राकीअच्छीकमाईहोतीहै।
औद्योगिक प्रदूषण और पर्यावरण निम्नीकरण
वायुप्रदूषण
उद्योगमेंवृद्धिसेपर्यावरणकोभारीनुकसानहोताहै।उद्योगधंधोंसेकार्बनडाइऑक्साइड,सल्फरडाइऑक्साइडऔरकार्बनमोनोऑक्साइडस्तरबढ़जाताहै,जिससेवायुप्रदूषणहोताहै।वायुमेंनिलंबितकणनुमापदार्थभीसमस्याखड़ीकरतेहैं।कुछउद्योगोंसेहानिकारकरसायनकेरिसावकाखतरारहताहै।वायुप्रदूषणसेइंसानोंकीसेहत,जानवरों,पादपोंऔरभवनोंपरबुराअसरपड़ताहै।इससे पूरे वातावरण पर असर पड़ता है।
जलप्रदूषण
उद्योगसेनिकलनेवालाकार्बनिकऔरअकार्बनिककचराऔरअपशिष्टसेजलप्रदूषणहोताहै।कागज,लुगदी,रसायन,कपड़ा,डाई,पेट्रोलियमरिफाइनरी,चमड़ाउद्योग,आदिजलप्रदूषणकेलिएमुख्यरूपसेजिम्मेदारउद्योगहैं।
जल का तापीय प्रदूषण
थर्मलप्लांटसेगरमपानीसीधानदियोंऔरतालाबोंमेंछोड़दियाजाताहै,जिससेजलकातापीयप्रदूषणहोताहै।तापीयप्रदूषणसेजलमेंरहनेवालेसजीवोंकोबहुतनुकसानहोताहैक्योंकिज्यादातरसजीवएकखासतापमानरेंजमेंहीजीवितरहसकतेहैं।
रेडियोऐक्टिवअपशिष्ट
इसप्रकारकेअपशिष्टपरमाणुऊर्जासंयंत्रसेनिकलतेहैं।रेडियोऐक्टिवअपशिष्टकोसहीढ़ंगसेरखनेकीजरूरतहोतीहै।ऐसेपदार्थोंमेंहल्कीसीभीलीकेजहोनेसेइंसानोंऔरअन्यसजीवोंकोहोनेवालेनुकसानघातकऔरदूरगामीहोतेहैं।
ध्वनिप्रदूषण
कारखानों से ध्वनि प्रदूषण की भी समस्या होती है।ध्वनिप्रदूषणसेबेचैनी,उच्चरक्तचापऔरबहरापनकीसमस्याहोतीहै।कारखानेकेमशीन,जेनरेटर,इलेक्ट्रिकड्रिल,आदिसेकाफीध्वनिप्रदूषणहोताहै।
उद्योगद्वारापर्यावरणकोहोनेवालेनुकसानकीरोकथाम:
- जल का पुन:चक्रीकरण होना चाहिए।जलकेपुन:चक्रीकरणकीमददसेताजेपानीकेइस्तेमालकोकमकियाजासकताहै।
- वर्षाजल संग्रहण पर जोर देना चाहिए।
- गरमपानीऔरअपशिष्टोंकोसमुचितउपचारकेबादहीनदियोंऔरतालाबोंमेंछोड़नाचाहिए।