मुद्रणक्राँति
पाठकों का एक नया वर्ग
मुद्रणतकनीकनेपाठकोंकेएकनयेवर्गकोजन्मदिया।मुद्रणकीमददसेकिसीकिताबकीआसानीसेअनेककॉपीबनाईजासकतीथी,इसलिएकिताबेंसस्तीहोनेलगीं।इसकेपरिणामस्वरूपकिताबेंअधिकसेअधिकलोगोंतकपहुँचनेलगीं।जनसाधारणतककिताबेंपहुँचनेसेपढ़नेकीएकनईसंस्कृतिकाविकासहुआ।बारहवीं सदी तक यूरोप में साक्षरता दर बहुत कम थी।इसलिएलोकप्रियगीत,लोककथाओंऔरकहानियोंकोछापाजाताथाजिसेअनपढ़लोगभीसुनकरहीसमझलें।जिन्हेंपढ़नानहींआताथाउन्हेंपढ़ेलिखेलोगपढ़करकहानियाँसुनायाकरतेथे।
धार्मिक विवाद और प्रिंट का डर:मुद्रणकेआनेसेनयेतरहकेबहसऔरविवादकोअवसरमिलनेलगे।लोगधर्मकेकुछस्थापितमान्यताओंपरसवालउठानेलगे।रुढ़िवादीलोगोंकोलगताथाकिइससेपुरानीव्यवस्थाकेलिएचुनौतीखड़ीहोरहीथी।जबमार्टिनलूथरकिंगनेरोमनकैथोलिककुरीतियोंकीआलोचनाकरतेहुएअपनीकिताबछापीतोइससेईसाईधर्मकीप्रोटेस्टैंटक्राँतिकीशुरुआतहुई।जबलोगधार्मिकमान्यताओंपरसवालउठानेलगेतोइससेरोमकेचर्चकोपरेशानीहोनेलगी।रोमनचर्चनेधर्मविरोधियोंकोदुरुस्तकरनेकीसंस्थाइंव्किजीशनकीशुरुआतकी।1558年केबादतोचर्चनेप्रतिबंधितकिताबोंकीलिस्टभीरखनीशुरुकरदी।
पढ़ने का जुनून
सत्रहवींऔरअठारहवींसदीमेंयूरोपमेंसाक्षरताकेस्तरमेंकाफीसुधारहुआऔरअठारहवींसदीकेअंततकयूरोपकेकुछहिस्सोंमेंसाक्षरतादर60से80प्रतिशततकपहुँचचुकाथा।साक्षरताबढ़नेकेसाथहीलोगोंमेंपढ़नेकाजुनूनपैदाहोगया।किताबेंबेचनेकेलिएकिताबकीदुकानवालेअकसरफेरीवालोंकोरखतेथे,जोगाँवोंमेंघूमघूमकरकिताबेंबेचाकरतेथे।पत्रिकाएँ,उपन्यास,पंचांग,आदिसबसेज्यादाबिकनेवालीकिताबेंथीं।
मुद्रणकेकारणवैज्ञानिकोंऔरतर्कशास्त्रियोंकोअपनेनयेविचारऔरखोजोंकोजनसाधारणतकपहुँचानेमेंबहुतमददमिली।अबकिसीभीनयेविचारयाखोजकोआसानीसेअधिकलोगोंकेसाथबाँटाजासकताथाऔरउसपरगहनबहसभीहोसकतीथी।
मुद्रण और फ्रांसीसी क्राँति
कईइतिहासकारोंकामाननाहैकिमुद्रणसंस्कृतिसेऐसामाहौलतैयारहुआजिसकेपरिणामस्वरूपफ्रांसीसीक्राँतिकीशुरुआतहुई।इनमें से कुछ कारण निम्नलिखित हैं:
- मुद्रण के कारणज्ञानोदयके चिंतकों के विचार लोकप्रिय हुए।इनचिंतकोंनेपरंपरा,अंधविश्वासऔरनिरंकुशवादकीकड़ीआलोचनाकी।वॉल्तेअरऔररूसोकोज्ञानोदयकाअग्रणीविचारकमानाजाताहै।
- मुद्रणकेकारणसंवादऔरवाद——विवादकीनईसंस्कृतिकाजन्महुआ।अबआमआदमीभीमूल्यों,संस्थाओंऔरप्रचलनोंपरविवादकरनेलगाऔरस्थापितमान्यताओंपरसवालउठानेलगा।
- 1780年केदशकतकऐसेसाहित्यकीबाढ़आगईजिसमेंराजशाहीकामखौलउड़ायाजानेलगाऔरउनकीनैतिकताकीआलोचनाहोनेलगी।मुद्रणकीमददसेराजशाहीकीऐसीछविबनीजिसमेंयहदिखायागयाकिकिसतरहआमजनताकीकीमतपरराजशाहीकेलोगविलासिताकरतेथे।
उन्नीसवींसदी
उन्नीसवींसदीमेंयूरोपमेंसाक्षरतामेंजबरदस्तवृद्धिहोनेकेकारणपाठकोंकाएकऐसानयावर्गउभराजिसमेंबच्चे,महिलाएँऔरमजदूरशामिलथे।बच्चों के लिए अलग से किताबें लिखी जाने लगीं।कईलोककथाओंकोनयेसिरेसेऐसीशैलीमेंलिखागयाताकिकमउम्रकेपाठकउन्हेंआसानीसेसमझसकें।कई महिलाएँ पाठिका के अलावा लेखिका भी बन गईं।सत्रहवींसदीमेंकिरायेपरकिताबेंदेनेवालेपुस्तकालयचलनमेंआचुकेथे।इनपुस्तकालयोंकाइस्तेमाल,सफेदकॉलरमजदूरों,दस्तकारोंऔरनिम्नवर्गीयलोगभीकरनेलगे।
मुद्रण में अन्य सुधार
- न्यू यॉर्क के रिचर्ड एम。हो ने उन्नीसवीं सदी के मध्य तकशक्तिचालित बेलनाकार प्रेसबनायाजिससेएकघंटेमें8000शीटयातावछापेजासकतेथे।
- उन्नीसवीं सदी के अंत मेंऑफसेटप्रिंटिंगविकसितहोचुकाथा,जिससेछ:रंगोंमेंछपाईकीजासकतीथी।
- बीसवींसदीकेआतेहीबिजलीसेचलनेवालेप्रेसभीइस्तेमालमेंआनेलगे,जिससेछपाईकेकाममेंतेजीआगई।
- इसकेअलावाप्रिंटकीटेक्नॉलोजीमेंकईअन्यछोटे——छोटेसुधारहुए।इनसुधारोंकासामूहिकअसरहुआजिसनेछपीहुईसामग्रीकारूपहीबदलगया।
किताबें बेचने के नये गुर
- उन्नीसवींसदीमेंकईपत्रिकाओंमेंउपन्यासोंकोधारावाहिककीशक्लमेंछापाजाताथा,ताकिपाठकोंकोउसपत्रिकाकाअगलाअंकखरीदनेकेलियेप्रोत्साहितकियाजासके।
- 1920 के दशक में इंग्लैंड में लोकप्रिय साहित्य कोशिलिंगसीरीजके नाम से सस्ते दर पर बेचा जाता था।
- किताबकेऊपरलगनेवालीजिल्दकाप्रचलनबीसवींसदीमेंशुरुहुआ।
- 1930年केदशककीमहामंदीकेप्रभावसेपारपानेकेलिएपेपरबैकसंस्करण(बिनाजिल्दवालीकिताब)निकालागयाजोकिसस्ताहुआकरताथा।