उपन्यास समाज और इतिहास
उपन्यास का उदय
साहित्यकाएकआधुनिकरूपउपन्यासहै,जिसकाजन्ममुद्रणतकनीककेआनेसेहुआ।मुद्रणकीतकनीककेकारणउपन्यासलोगोंकेएकबड़ेसमूहतकपहुँचपाया।
उपन्यासलिखनेकीशुरुआतसत्रहवींसदीमेंमुख्यरूपसेइंगलैंडऔरफ्रांसमेंहुई।अठारहवींसदीमेंजाकरउपन्यासकीविधाऔरभीफलीफूली।उपन्यासकेपाठकोंमेंइंग्लैंडकेपारंपरिकअभिजातवर्गकेअलावानिम्नवर्गकेलोगभीथे।
जबपाठकोंकीसंख्याबढ़ीतोलेखकोंकीआमदनीभीबढ़ी।इसकालाभयहहुआकिलेखकोंकोअभिजातऔरकुलीनवर्गकेसंरक्षणसेआजादीमिली।अब लेखक अधिक स्वतंत्र होकर लिखने लगे।लेखककोअपनीलेखनशैलीमेंमनचाहेबदलावकरनेकीपूरीछूटमिली।
प्रकाशनबाजार
शुरुशुरुमेंउपन्यासइतनेमहंगेहोतेथेकिआमआदमीउन्हेंनहींखरीदपाताथा।जब1740केदशकमेंकिरायेवालेपुस्तकालयोंकाप्रचलनशुरुहुआतोउपन्यासआमलोगोंकीपहुँचमेंआगये।मुद्रणमेंकईसुधारोंकेसाथसाथमार्केटिंगकेनयेतरीकोंसेउपन्यासकीबिक्रीबढ़ीऔरदामकमहुए।फ्रांसकेप्रकाशकोंनेउपन्यासकोघंटेकेहिसाबसेकिरायेपरदेकरबहुतमुनाफाकमाया।
उपन्यासमेंजिसदुनियाकाचित्रणहोताथावहवास्तविकहोतीथीऔरविश्वसनीयताकीसीमामेंरहतीथी।उपन्यासकापाठकआसानीसेपात्रोंकीदुनियामेंपहुँचजाताथा।उपन्यासनेलोगोंकोएकांतमेंपढ़नेकीसहूलियतदी।उपन्यासकोलोगसार्वजनिकपरिवेशमेंभीपढ़पातेथेताकिकहानीपरचर्चाकरसकें।
1836年मेंचार्ल्सडिकेन्सकेउपन्यासपिकविकपेपर्सकोएकपत्रिकामेंधारावाहिककेरुपमेंप्रकाशितकियागया।सस्तीचित्रोंसेभरपूरहोनेकेकारणपत्रिकाएँकाफीलोकप्रियथीं।धारावाहिककेरूपमेंउपन्यासप्रकाशितहोनेसेउसमेंरहस्यबनारहताथाऔरलोगअगलेसप्ताहकाइंतजारकरतेथेजैसाकिहमआजटेलिविजनसीरियलकेलिएकरतेहैं।
उपन्यास की दुनिया
पुरानेदौरकेसाहित्यमेंअक्सरराजायासाम्राज्यकीकहानीहोतीथी।लेकिनउपन्यासमेंसामान्यलोगोंकेबारेमेंबातेंहोतीथीं।औद्योगीकरणकेदौरमेंकईउम्मीदेंजगींतोकईबुरेपरिणामभीसामनेआये।मुनाफाखोरीकेचक्करमेंअक्सरमजदूरकाशोषणहोताथा।कईउपन्यासकारोंनेशहरोंमेंरहनेवालेआमलोगोंऔरश्रमिकोंकेजीवनपरकहानीकातानाबानाबुना।उस काल के जाने माने लेखकों मेंचार्ल्सडिकेन्सऔरएमिलजोलाका नाम शुमार है।
समुदाय और समाज
उपन्यासमेंहमेंतत्कालीनसमाजमेंहोनेवालेबदलावोंकीझलकमिलतीहै।कुछउपन्यासकारोंनेशहरीजीवनकीसमस्याओंकेबारेमेंलिखातोकुछनेग्रामीणजीवनमेंहोरहेबदलावोंकेबारेमेंलिखा।यहवहसमयथाजबव्यक्तिगतमूल्योंकाह्रासहोरहाथा,परिवारऔरसमाजकेढ़ाँचेमेंआमूलबदलावहोरहेथे।उपन्यासकारोंनेइनपरिवर्तनोंकेबारेमेंभीलिखा।उपन्यासकारोंनेआमबोलचालकीभाषाकाबखूबीइस्तेमालकिया।इससेलोगोंकोदेशकेअन्यभागोंकेलोगोंकीबोलीऔरसंस्कृतिकीझलकमिली।
नईमहिला
अठारहवींसदीमेंमध्यमवर्गमेंअधिकसंपन्नताआनेसेमहिलाओंकोखालीसमयमिलनेलगाथाजिसकासदुपयोगवेपढ़नेलिखनेकेलियेकरसकतीथीं।उपन्यासकारोंनेमहिलाओंकेजीवन(खासकरघरेलूजीवन)परलिखनाशुरुकिया।यहवैसापहलूथाजिसपरपुरुषलेखकोंकीतुलनामेंमहिलालेखिकाअधिकदक्षसाबितहुई।महिलाउपन्यासकारोंनेसमाजकेस्थापितमूल्योंपरसवालउठानेशुरुकियेऔरउन्हेंतोड़नेकीवकालतकी।कईउपन्यासकारोंनेसमाजकीकुरीतियोंऔरपाखंडोंपरभीप्रहारकिया।
युवाओं के लिए उपन्यास
युवाओं के लिये अलग किस्म के उपन्यास लिखे गये।ऐसेउपन्यासोंमेंबहादुरीऔररूमानियतकोप्रमुखतादीगई।ऐसेउपन्यासकानायकएकशक्तिशाली,आदर्श,स्पष्टवादीऔरबहादुरइंसानहोताहै।यह वह समय था जब उपनिवेशों का विस्तार हो रहा था।इसलिएऐसेउपन्यासोंमेंउपनिवेशवादकीप्रशंसाकीजातीथी।आर एल स्टीवेंसन कीट्रेजरआइलैंड(1883) और रुडयार्ड किपलिंग कीजंगलबुक(1894) काफी मशहूर हुई थी।उसजमानेमेंजीएहेनरीकेऐतिहासिकसाहसिकउपन्यासकाफीलोकप्रियहुएथे।उपनिवेशवादकेआखिरीदौरमेंकुछउपन्यासकारोंनेउपनिवेशीशासनकेनकारात्मकपहलुओंकोउजागरकरनाशुरुकिया।जोसफकॉनरैड(1857 - 1924) ऐसे ही एक उपन्यासकार थे।