युद्ध काल की अर्थव्यवस्था
पहलेविश्वयुद्धनेपूरीदुनियाकोकईमायनोंमेंझकझोरकररखदियाथा।इसयुद्धमेंलगभग90लाखलोगमारेगएऔर2करोड़लोगघायलहोगये।
मरनेवालेयाअपाहिजहोनेवालोंमेंज्यादातरलोगकामकाजीआयुकेथे।इससेयूरोपमेंकामकाजकेलायकलोगोंकीभारीकमीहोगई।हरपरिवारमेंकमानेवालोंकीसंख्याघटनेकेसाथपूरेयूरोपमेंलोगोंकीआमदनीघटगई।
अधिकतरपुरुषोंकोप्रथमविश्वयुद्धमेंशामिलहोनेकेबाध्यहोनापड़ा।कारखानोंमेंपुरुषोंकेस्थानपरमहिलाएँकामकरनेलगीं।महिलाएँवेसभीकामकररहीथींजोपारंपरिकरूपसेपुरुषोंकेकाममानेजातेथे।
प्रथमविश्वयुद्धकेबाददुनियाकीकईबड़ीआर्थिकशक्तियोंकेबीचकेसंबंधटूटगये।युद्धकेखर्चेउठानेकेलिएब्रिटेनकोअमेरिकासेकर्जलेनापड़ा।इसतरहप्रथमविश्वयुद्धनेअमेरिकाकोएकअंतर्राष्ट्रीयकर्जदारसेअंतर्राष्ट्रीयसाहूकारबनादिया।अबविदेशीसरकारोंऔरलोगोंकीअमेरिकामेंसंपत्तिकीकीमतकीतुलनामेंअमेरिकीसरकारऔरउसकेनागरिकोंकीविदेशोंमेंसंपत्तिकीकीमतअधिकथी।
युद्ध के बाद के सुधार
जबब्रिटेनयुद्धमेंउलझाथातबजापानऔरभारतमेंउद्योगकाविकासहुआ।युद्धकेबादब्रिटेनकोअपनापुरानादबदबाकायमकरनेमेंपरेशानीहोनेलगी।ब्रिटेनकीअबवहस्थितिनहींरहगईथीकिजापानसेटक्करलेसके।अब ब्रिटेन पर अमेरिका का भारी कर्जा लद चुका था।
युद्धकेसमयब्रिटेनमेंचीजोंकीमांगमेंतेजीआईथीजिससेवहाँकीअर्थव्यवस्थाफलफूलरहीथी।लेकिन युद्ध के बाद उन चीजों की मांग गिर गई।युद्धकेबादब्रिटेनके20%श्रमिकोंकोअपनीनौकरीसेहाथधोनापड़ा।
युद्धकेपहलेपूर्वीयूरोपगेहूँकामुख्यनिर्यातकथा,लेकिनअबपूर्वीयूरोपभीयुद्धमेंउलझाहुआथा।इसलिएअबकनाडा,अमेरिकाऔरऑस्ट्रेलियागेहूँकेमुख्यनिर्यातककेरूपमेंउभरेथे।युद्धसमाप्तहोनेकेसाथहीपूर्वीयूरोपनेफिरसेगेहूँकीसप्लाईशुरुकरदी।अबबाजारमेंगेहूँकीअधिकखेपआगईऔरकीमतोंमेंभारीगिरावटहुई,जिससेग्रामीणअर्थव्यवस्थातबाहहोगई।
बड़े पैमाने पर उत्पादन और उपभोग की शुरुआत
अमेरिकाकीअर्थव्यवस्थाकोयुद्धकेबादकेझटकोंसेतेजीसेमुक्तिमिलनेलगी।1920年केदशकमेंअमेरिकीअर्थव्यवस्थाकीमुख्यपहचानबनगईबड़ेपैमानेपरउत्पादन।फोर्ड मोटर के संस्थापकहेनरीफोर्डकोमासप्रोडक्शनका जनक माना जाता है।बड़ेपैमानेपरउत्पादनकरनेसेउत्पादनक्षमताबढ़ीऔरकीमतोंमेंगिरावटआई।शुरुमेंश्रमिकोंकोअसेंबलीलाइनपरकंवेयरबेल्टकीगतिकेसाथतालमेलबिठानेमेंबड़ीसमस्याआई।कई लोगों ने काम छोड़ दिया।इससेनिबटनेकेलिएहेनरीफोर्डनेवेतनकोदोगुनाकरदिया।अमेरिकाकेकामगारबेहतरकमानेलगेइसलिएअबवेकारजैसीमहंगीचीजभीखरीदसकतेथे।इससे विभिन्न उत्पादों की माँग तेजी से बढ़ी।
कारकाउत्पादन1919में20लाखसेबढ़कर1929में50लाखहोगया।इसी तरह से बजाजी सामानों;जैसेरेफ्रिजरेटर,वाशिंगमशीन,रेडियो,ग्रामोफोन,आदिकीमाँगभीतेजीसेबढ़नेलगी।अमेरिकामेंघरोंकीमांगमेंजबरदस्तबढ़ोतरीहुई।आसानकिस्तोंपरकर्जमिलनेकीसुविधाकेकारणइसमांगकोऔरहवामिली।
इस तरह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में खुशहाली: गई।1923年मेंअमेरिकानेदुनियाकेअन्यहिस्सोंकोपूँजीदेनाशुरुकरदियाऔरसबसेबड़ाविदेशीसाहूकारबनगया।इससेयूरोपकीअर्थव्यवस्थाकोभीसुधरनेकामौकामिला।अगलेछ:वर्षोंतकपूरीदुनियाकेव्यापारमेंवृद्धिहोतीरही।
विश्वव्यापीमंदी
जरूरत से ज्यादा कृषि उत्पादन
1920年केदशकमेंकृषिक्षेत्रमेंजरूरतसेज्यादाउत्पादनएकअहमसमस्याथी।कृषिउत्पादोंकीअत्यधिकआपूर्तिकेकारणकीमतेंतेजीसेगिररहीथीं।इसकीभरपाईकेलिएकिसानोंनेऔरभीअधिकउत्पादनकरनाशुरुकिया।इसकेफलस्वरूपबाजारमेंकृषिउत्पादोंकीबाढ़आगई;जिससे कीमतें और नीचे गिरीं।खरीददारों मिलने के कारण कृषि उत्पाद सड़ने लगे।
अमेरिका द्वारा कर्ज में कमी
कईयूरोपीयदेशकर्जेकेलिएअमेरिकापरबुरीतरहसेनिर्भरथे।जब समय सही होता था तो कर्ज आसानी से मिल जाता था।लेकिनजरासीमुसीबरआतेहीअमेरिकीसाहूकारघबराजातेथे।1928年केपूर्वार्धमेंअमेरिकाद्वारादियेगयेकर्जकीराशिथी100करोड़डॉलर।लेकिनएकसालकेभीतरयहराशिघटकर24करोड़रहगई।इससे कई देशों की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा।इससेकईबैंकतबाहहोगयेऔरयूरोपकीमुद्राएँभीबर्बादहोगईं।इसदौरानपाउंडस्टर्लिंग(ब्रिटेनकीमुद्रा)मेंभीभारीगिरावटआई।लैटिन अमेरिका का कृषि बाजार तेजी से लुढ़क गया।
अमेरिकानेअपनीअर्थव्यवस्थाकोसंरक्षणदेनेकेउद्देश्यसेआयातपरलगनेवालेशुल्ककोदोगुनाकरदिया,जिसकाविश्वकीअर्थव्यवस्थापरबुराअसरपड़ा।
आर्थिक मंदी का सबसे बुरा असर अमेरिका पर पड़ा।अमेरिकीबैंकोंनेकर्जेदेनेमेकमीकरदीऔरपुरानेकर्जोंकीवसूलीकेप्रयासतेजकरदिये।आमदनीघटजानेकेकारणअधिकतरलोगकर्जअदाकरनेकीस्थितिमेंनहींथे।बढ़तीबेरोजगारीकेकारणबैंकोंकेलिएकर्जवसूलनाअसंभवहोरहाथा।अमेरिका में हजारों बैंक दिवालिया हो गए।1933 आते आते 4000 से अधिक बैंक बंद हो गए।1932年1929年सेकेबीचलगभग110000कंपनियाँबंदहोगईं।सन 1935 से अधिकतर देशों में थोड़ा सुधार शुरु हुआ।
आर्थिक मंदी और भारत
- आर्थिकमंदीसेभारतकीअर्थव्यवस्थापरभीअछूतीनहींरही।1934年1928年सेकेबीचभारतकाआयातऔरनिर्यातघटकरआधाहोगया,औरगेहूँकीकीमतोंमें50%कीकमीआई।
- सरकारकोकृषिउत्पादोंकीघटतीकीमतोंकीकोईपरवाहनथी।वहतोकिसानोंसेपुरानेदरपरहीलगानवसूलनाचाहतीथी।लगानचुकताकरनेकेचक्करमेंकिसानोंकोअपनीजमापूँजीनिकालनीपड़ीऔरजमीनऔरजेवरभीबेचनेपड़े।इसकापरिणामयहहुआकिभारतमहँगीधातुओंकानिर्यातकबनगया।
- आर्थिकमंदीकाभारतकेशहरीक्षेत्रोंमेंउतनाअसरनहींपड़ा।शहरमेंरहनेवालेलोगोंकाजीवनकीमतेंघटनेकेकारणपहलेसेआसानहोगयाथा।भारतकेराष्ट्रवादीनेताओंकेदवाबकेकारणउद्योगोंकोअधिकसंरक्षणमिलनेलगाजिससेउद्योगमेंअधिकनिवेशहुआ।