युद्ध के बाद के समझौते
दूसराविश्वयुद्धपहलेहुएयुद्धोंकीतुलनामेंबिलकुलअलगथा।दूसरेविश्वयुद्धमेंआमनागरिककहींअधिकसंख्यामेंमारेगयेऔरकईमहत्वपूर्णशहरबुरीतरहतबाहहोचुकेथे।मानाजाताहैकिदूसरेविश्वयुद्धमेंप्रत्यक्षयाप्रोक्षरूपसेकरीब6करोड़लोगमारेगयेथेजोउससमयकीजनसंख्याका6प्रतिशतथा।दूसरेविश्वयुद्धकेबादकीस्थितिमेंसुधारमुख्यरूपसेदोबातोंसेप्रभावितहुएथे।
- पश्चिममेंअमेरिकाएकप्रबलआर्थिक,राजनैतिकऔरसामरिकशक्तिकेरूपमेंउदितहुआ।
- सोवियतयूनियनकाएककृषिप्रधानअर्थव्यवस्थासेविश्वशक्तिकेरूपमेंपरिवर्तनहुआ।
विश्वकेनेताओंकीमीटिंगहुईजिसमेंयुद्धकेबादकेसंभावितसुधारोंपरचर्चाकीगई।उन्होंनेदोबातोंपरज्यादाध्यानदियाजिन्हेंनीचेदियागयाहै।
- औद्योगिकदेशोंमेंआर्थिकसंतुलनकोबरकराररखनाऔरपूर्णरोजगारदिलवाना
- पूँजी,सामानऔरश्रमिकोंकेप्रवाहपरबाहरीदुनियाकेप्रभावकोनियंत्रितकरना
ब्रेटन वुड्स इंस्टिच्यूशन
1944年कीजुलाईमेंअमेरिकाकेन्यूहैंपशायरकेब्रेटनवुड्सनामकजगहपरसंयुक्त राज्य मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन(联合国货币和财政会议)हुआ।इस सम्मेलन मेंअंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष(国际货币基金)की स्थापना हुई।इससंस्थाकोसदस्यदेशोंकेबाहरीनफेऔरनुकसानकीदेखभालकेलियेबनायागया।
युद्ध के बाद के पुनर्निर्माण की फंडिंग के लिएअंतर्राष्ट्रीय पुनर्निमाण एवं विकास बैंक(国际复兴开发银行)की स्थापना की गई, जिसेविश्वबैंकके नाम से भी जाना जाता है।इनदोनोंसंस्थानोंकोब्रेटनवुड्सइंस्टिच्यूशनभीकहाजाताहै,औरयुद्धकेबादकीआर्थिकप्रणालीकोब्रेटनवुड्ससिस्टमभीकहाजाताहै।
विभिन्नमुद्राओंकेलिएएकनिर्धारितविनिमयदरहीब्रेटनवुड्ससिस्टमकाआधारथा।डॉलरकीकीमतकोसोनेकीकीमतसेजोड़ागयाजिसमेंएकआउंससोनेकीकीमतथी35डॉलर।अन्यमुद्राओंकोडॉलरकेमुकाबलेअलग——अलगनिर्धारितदरोंपररखागया।
युद्ध के बाद के शुरुआती साल
ब्रेटनवुड्ससिस्टमद्वारापश्चिमकेऔद्योगिकदेशोंऔरजापानमेंएकअप्रत्याशितआर्थिकविकासकेयुगकीशुरुआतहुई।1970年1950年सेकेबीचविश्वकाव्यापार8%कीदरसेबढ़ाऔरआमदनीलगभग5%कीदरसेबढ़ी।ज्यादातरऔद्योगिकदेशोंमेंबेरोजगारी5%सेभीकमथी।इनआँकड़ोंपताचलताहैकिइसअवधिमेंकितनीआर्थिकस्थिरताआईथी।
उपनिवेशों का अंत और आजादी
दूसरेविश्वयुद्धकेदोदशकोंकेभीतरकईउपनिवेशस्वतंत्रहोगएऔरनएराष्ट्रकेरूपमेंसामनेआये।शोषणकेएकलंबेइतिहासनेइनदेशोंकोभारीआर्थिकसंकटमेंडालदियाथा।शुरुआतीदौरमेंब्रेटनवुड्सइंस्टिच्यूशनइनदेशोंकीमांगकोपूराकरनेकीस्थितिमेंनहींथे।इसबीचयूरोपऔरजापाननेइतनीतरक्कीकरलीथीकिब्रेटनवुड्सइंस्टिच्यूशनसेस्वतंत्रहोगयेथे।1950年केदशककेआखिरमेंआकरब्रेटनवुड्ससंस्थानोंनेदुनियाकेविकासशीलदेशोंकीओरध्यानदेनाशुरुकिया।
येसंस्थाएँपुरानीउपनिवेशीताकतोंकेनियंत्रणमेंथी।इसलिएज्यादातरविकासशीलदेशोंपरअभीभीउनताकतोंद्वाराशोषणकाखतराबनाहुआथा।इनदेशोंनेएकनएआर्थिकढ़ाँचेकीमांगरखनेकेलिएG - 77(77 देशों का समूह) बनाया।उनकी मुख्य मांगें थीं;अपनेप्राकृतिकसंसाधनोंपरसहीमायनेमेंनियंत्रण,कच्चेमालकीसहीकीमतऔरविकसितबाजारोंमेंबेहतरपकड़।
ब्रेटन वुड्स का अंत और भूमंडलीकरण
1960年आतेआतेविदेशोंमेंअधिकदखलअंदाजीकरनेकेकारणअमेरिकाकीशक्तिक्षीणपड़नेलगीथी।अबडॉलरअपनीकीमतकोसोनेकीतुलनामेंबचानहींपारहाथा।इसतरहसेनिर्धारितविनिमयदरकीप्रणालीसमाप्तहुईऔरअस्थाईविनिमयदरकीपरिपाटीशुरुहुई।
1970年केदशककेमध्यकेबादसेअंतर्राष्ट्रीयवित्तीयव्यवस्थाकईमायनेमेंबदलगई।इसकेपहलेविकासशीलदेशकिसीभीअंतर्राष्ट्रीयसंस्थासेवित्तीयसहायताकीमांगकरनेकेलिएस्वतंत्रथे।लेकिनअबउन्हेंपश्चिमकेकॉमर्शियलबैंकोंऔरप्राइवेटलेंडिंगसंस्थाओंसेकर्जलेनेकेलियेबाध्यहोनापड़ताथा।इससेकईबारऐसाहोताथाकिविकासशीलदेशोंमेंकर्जेकीसमस्या,बेरोजगारीऔरगिरतीआमदनीकीसमस्याखड़ीहोजातीथी।कईअफ्रीकीऔरलैटिनअमेरिकीदेशोंकोइसतरहकीसमस्याओंकासामनाकरनापड़ा।
1949年कीक्रांतिकेबादचीनबाकीदुनियासेअलगथलगथा।लेकिनअबचीननेभीनईआर्थिकनीतियोंकोअपनानाशुरुकरदियाऔरविश्वकीअर्थव्यवस्थाकेकरीबआनेलगा।कईपूर्वीयूरोपियनदेशोंमेंसोवियतशैलीकेसमाजवादकेपतनकेबादकईनएदेशभीविश्वकीनईअर्थव्यवस्थाकाहिस्साबनगये।
,बचीन,भारत्राजील,फिलिपींस,मलेशिया,आदिदेशोंमेंमजदूरीदरकाफीकमथी।इसलिएकईबहुराष्ट्रीयकंपनियोंनेइनदेशोंकोअपनेउत्पादबनानेकेलिएइस्तेमालकरनाशुरुकिया।भारतबिजनेसप्रॉसेसआउटसोर्सिंगकाएकमहत्वपूर्णहबबनगया।हालकेदशकोंमेंकईविकासशीलदेशोंनेतेजीसेवृद्धिकीहै।भारत, चीन और ब्राजील इसके बेहतरीन उदाहरण हैं।