चतुरबिल्ली
किसी पेड़ की कोटर में एक गौरैया रहती थी।एकबारअपनेरिश्तेदारसेमिलनेवहदूसरेजंगलमेंगई।कुछमहीनेतकमेहमाननवाजीकामजालेनेकेबादवहवापसआई।जबवहगौरैयावापसआईतोउसनेदेखाकिउसकेघरपरएकखरगोशनेकब्जाजमालियाहै।उसनेखरगोशसेउसकोटरकोखालीकरनेकोकहालेकिनखरगोशनेमनाकरदिया।
कुछदेरतकझगड़ाकरनेकेबादउनदोनोंनेयहफैसलालियाकिकिसीऐसेप्राणीकोपकड़ाजाएजोउनकाझगड़ानिबटासके।किसीबुद्धिमानजानवरकोखोजनेमेंवेवनमेंभटकरहेथे।तभी उन्हें साधु के वेश में एक बिल्ली मिली।बिल्लीकीपोशाकदेखकरउन्हेंलगाकिवहजरूरहीबुद्धिमानऔरसुशीलबिल्लीहोगी।
उन्होंनेबिल्लीकोपूरीकहानीबताईऔरन्यायकरनेकोकहा।बिल्लीनेऐसेढोंगकियाजैसेवाकईउनकीबातसुनरहीहो।उसकेबादबिल्लीध्यानलगानेकीमुद्रामेंचलीगई।साथ में वह कुछ मन्त्र भी पढ़ रही थी।कुछदेरकेबादबिल्लीनेअपनीआँखेंखोलीऔरकहा,“मैंनेअभीअभीभगवानसेबातकीहैऔरउनसेतुम्हारेलिएएकसन्देशलाईहूँ।लेकिनभगवानकासन्देशसुननेसेपहलेतुम्हेनतमस्तकहोकरमेराआशीर्वादलेनाहोगा।”
ऐसासुनकरगौरैयाऔरखरगोशबिल्लीकेसामनेसिरझुकाकरखड़ेहोगएऔरसोचाकिबिल्लीकोईनकोईहलजरूरनिकालेगी।लेकिनबिल्लीनेझटसेदोनोंकोअपनानिवालाबनालिया।
इसकहानीसेहमेंयेशिक्षामिलतीहैकिकोईअपराधीसाधुकेवस्त्रपहनलेनेकेबादभीअपराधीहीरहताहै।