7 हिंदी दूर्वा
इसलेखमेंमहानइंजीनियरमोक्षगुंडमविश्वेश्वरैयाकेबचपनकेजीवनकीकुछरोचकबातेंबताईगईहैं।बचपनसेहीविश्वेश्वरैयाजिज्ञासुप्रवृत्तिकेथे।प्रकृतिऔरउसमेंहोनेवालीपरिघटनाओंकेबारेमेंउनकीजिज्ञासाशांतहीनहींहोतीथी।बचपनसेहीउन्हेंकिसीकीगरीबीदेखकरबुरालगताथाऔरवहहरबातकासमाधाननिकालनाचाहतेथे।जबतकवहकिशोरावस्थामेंपहुँचेतबतकउन्होंनेहरसमस्याकासमाधाननिकालनासीखचुकेथे।इसीक्षमतानेउन्हेंएकव्यावहारिकऔरसफलव्यक्तिबनाया।
प्रश्न1:अपनेघरकेबरामदेमेंखड़ेहोकरछ:वर्षीयविश्वेश्वरैयानेक्यादेखा吗?
उत्तर:छ:वर्षीयविश्वेश्वरैयाअपनेघरकेबरामदेमेंखड़ेहोकरबारिशकादृश्यदेखरहाथा।उसनेबारिशसेधुलीहुईपत्तियोंकीसुंदरताकोदेखा।साथमेंउसनेजलकेबहावसेउत्पन्नहोनेवालीशक्तिकोभीदेखा।उसनेदेखाकिजलमेंइतनीशक्तिहोतीहैकिकिसीभीवस्तुकोअपनेसाथबहालेजाये।फिरजबविश्वेश्वरैयानेएकगरीबबुढ़ियाकोदेखातोउसकेमनयहसवालउठाकिकोईगरीबक्योंहोताहै।
प्रश्न2:तुम्हेंविश्वेश्वरैयाकीकौनसीबातसबसेअच्छीलगी吗?क्यों吗?
उत्तर:मुझेविश्वेश्वरैयाकीजोबातसबसेअच्छीलगीवहहैकिसीभीसमस्याकासमाधानढ़ूँढ़नेकीप्रतिभा।यदिहमअपनेज्ञानकासहीइस्तेमालनकरेंतोहमाराज्ञानकिसीकामकानहींहै।समाधानढ़ूँढ़नेकेक्रममेंकोईभीव्यक्तिअपनेअर्जितज्ञानकाइस्तेमालकरताहैजिससेसबकीभलाईहोतीहै।
प्रश्न3:विश्वेश्वरैयाकेमनमेंकौन——कौनसेसवालउठतेथे吗?
उत्तर:विश्वेश्वरैया के मन में अनेक सवाल उठते थे।वह प्रकृति की शक्ति के बारे में जानना चाहते थे।वहऊर्जाऔरउसेइस्तेमालकरनेकेतरीकोंकेबारेमेंजाननाचाहतेथे।वहगरीबीकेकारणोंऔरउसकेनिदानकेबारेमेंजाननाचाहतेथे।
विश्वेश्वरैयाअपनेमनमेंउठेसवालोंकाजवाबअपनेअध्यापकोंऔरबड़ोंसेजाननेकीकोशिशकरतेथे।क्यातुमअध्यापकोंसेपाठ्यपुस्तकोंकेसवालोंकेअतिरिक्तभीकुछसवालपूछतेहो吗?कुछसवालोंकोलिखोजोतुमनेअपनेअध्यापकोंसेपूछेहों।
उत्तर:मेरे मन में भी तरह-तरह के सवाल उठते हैं।इनमें से कुछ नीचे दिये गये हैं।
नीचे पाठ में से चुनकर कुछ शब्द दिए गए हैं।तुम इनका प्रयोग अपने ढ़ंग के वाक्य बनाने में करो।
हरे——भरे,उमड़——घुमड़,एक——दूसरे,धीरे——धीरे,टप——टप,फटी——पुरानी
उत्तर:
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