7 हिंदी बसंत

शाम: एक किसान

सर्वेश्वरदयालसक्सेना

आकाश का साफा बाँधकर
सूरज की चिलम खींचता
बैठा है पहाड़,
घुटनों पर पड़ी है चादर सी,
पास ही दहक रही है
पलाश के जंगल की अँगीठी
अँधकार दूर पूर्व में
सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले सा।

इसकवितामेंकविसर्वेश्वरदयालसक्सेनानेशामकेदृश्यकावर्णनकियाहै।कविनेसाधारणसेलगनेवालेरूपकोंकेमाध्यमसेशामकाबखूबीचित्रणकियाहै।

पहाड़इसतरहबैठाहैजैसेकोईकिसानबैठाहोजिसनेसिरपरआकाशकासाफाबाँधलियाहै।लाल सूरज ऐसे दिखता है जैसे किसान चिलम पी रहा हो।पहाड़केपासबहतीनदीऐसीलगरहीहैजैसेकिसाननेघुटनोंतकचादरओढ़लीहो।पासमेंपलाशकेजंगलइसतरहलगरहेहैंजैसेकोईअंगीठीजलरहीहो।उधरपूर्वदिशामेंअँधकारऐसेसिमटाहैजैसेभेड़अपनेझुंडमेंसिमटजातेहैं।

अचानक बोला मोर।
जैसे किसी ने आवाज दी
“सुनतेहो”।
धुआँउठा
सूरजडूबा
अॅँजधेरा छा गया।

तभीकहींसेमोरकीआवाजआतीहैतोऐसालगताहैकिकिसीनेपहाड़रूपीकिसानकोआवाजदीहोउसेबुलानेकेलिए।ठीकऐसेहीजबशामहोनेपरकिसीकीपत्नीयाकिसीकीमाँउसेघरवापसआनेकेलिएआवाजलगातीहो।उसकेबादसबकुछस्याहहोजाताहै,फिरसूरजडूबजाताहैऔरचारोंओरअंधेराछाजाताहै।

कवितासे

प्रश्न1:इसकवितामेंशामकेदृश्यकोकिसानकेरूपमेंदिखायागयाहै——यहएकरूपकहै।इसेबनानेकेलिएपाँचएकरूपताओंकीजोड़ीबनाईगईहै।उन्हें उपमा कहते हैं।पहलीएकरूपताआकाशऔरसाफेमेंदिखातेहुएकवितामें”आकाशकासाफा”वाक्यांशआयाहै।इसीतरहतीसरीएकरूपतानदीऔरचादरमेंदिखाईगईहै,मानोनदीचादरसीहो।अबआपदूसरी,चौथीऔरपाँचवीएकरूपताओंकोखोजकरलिखिए।

उत्तर:चिलमसासूरज,अंगीठीसापलाशकाजंगल,भेड़ोंकेगल्लेसाअंधकार

प्रश्न2:शामकादृश्यअपनेघरकीछतयाखिड़कीसेदेखकरबताइए

(क) शाम कब से शुरु हुई?

उत्तर:लगभग साढ़े पाँच बजे

(ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा?

उत्तर:बीसमिनट

(ग) इस बीच आसमान में क्या-क्या परिवर्तन आये?

उत्तर:सबसेपहलेआसमानकारंगहल्कीलालिमायुक्तनीलाहोगया।उसकेबादलालीबढ़नेलगीऔरलाग,नारंगीऔरपीलेरंगआकाशमेंछानेलगे।फिर आसमान का रंग सलेटी और गहरा सलेटी होता गया।


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