विप्लवगायन
बालकृष्ण शर्मा ' नवीन '
कवि, कुछ ऐसी तान सुनाओ, जिससे उथल पुथल मच जाए।
एक हिलोर इधर से आए, एक हिलोर उधर से आए।
इनपंक्तियोंमेंकविसेअनुरोधकियाजारहाहैकिवहकोईऐसीतानसुनाएजिससेहरतरफउथलपुथलमचजाए।उथलपुथलइतनीतेजहोकिएकतरफसेएकझोंकाआयेतोदूसरीतरफसेदूसराझोंका।यहकविताउससमयलिखीगईथीजबभारतकास्वाधीनताआंदोलनअपनेचरमपरथा।कविनेभीअसहयोगआंदोलनमेंबढ़चढ़करहिस्सालियाथा।यहाँपरउथलपुथलकामतलबहैलोगोंकोउनकीतंद्रासेझकझोरकरउठानाताकिवेगुलामीकेखिलाफलड़ाईलड़नेकोतैयारहोजायें।
सावधान!मेरी वीणा में चिनगारियाँ आन बैठी हैं,
टूटी हैं मिजराबें, अंगुलियाँ दोनों मेरी ऐंठी हैं।
कंठ रुका है महानाश का मारक गीत रुद्ध होता है,
आगलगेगीक्षणमें,हृत्तलमेंअबक्षुब्धयुद्धहोताहै।
इनपंक्तियोंमेंकविकाकहनाहैउसकीवीणामेंचिंगारियाँप्रवेशकरचुकीहैं।वीणाकीमिजराबें(तारकोछेड़नेकेलिएउपयोगमेंलायाजानेवालाछोटाउपकरण)टूटचुकीहैंऔरवीणाबजानेवालेकीअंगुलियाँऐंठगईहैं।गायककागलाबैठजानेकेकारणउसकेमुँहसेनिकलनेवालेमहानाशकेगीतकारास्तारुकाहुआहै।उसरुकावटसेशीघ्रहीउसकेतनबदनमेंआगलगेगीऔरहृदयक्षुब्धहोजायेगा।इनपंक्तियोंमेंकविनेकिसीभीस्वतंत्रतासेनानीकेहृदयमेंबसनेवालेक्रोधऔरसंतापकोदिखानेकीकोशिशकीहै।जबहरतरफसेप्रतिबंधलगनेलगतेहैंतोऐसेमेंकिसीभीवीरसिपाहीकाखूनखौलेगा।
झाड़ और झंखाड़ दग्ध है इस ज्वलंत गायन के स्वर से,
रुद्ध गीत की क्रुद्ध तान है निकली मेरे अंतरतर से।
कण——कणमेंहैव्याप्तवहीस्वररोम——रोमगाताहैवहध्वनि,
वही तान गाती रहती है, कालकूट फणि की चिंतामणि।
सारेबंधनोंकोतोड़करजबगानेवालेकेस्वरफूटतेहैंतोउससेजोअग्निनिकलतीहैउससेहरतरफआगलगजातीहै।कविकेअवरुद्धगलेसेजबक्रोधितहोकरगीतनिकलताहैतोऐसाहीलगताहै।कविजबगानेलगताहैतोकण——कणमेंउसकीज्वालाफैलजातीहै।तबऐसालगताहिजैसेकिसीविषधरकेफणमेंलगीमणिसेज्वालाफूटरहीहो।
आज देख आया हूँ जीवन के सब राज समझ आया हूँ,
भ्रू-विलास में महानाश के पोषक सूत्र परख आया हूँ।
पराधीनताकेलंबेसंघर्षनेकविकोजीवनकेसभीराजकामर्मसमझादियाहै।कविकोपताचलगयाहैकिकिसतरहउसगुलामीकेविनाशकेसूत्रकामकरतेहैं।अबवहपराधीनताकाविनाशकरनेकोपूरीतरहतैयारहै।
कवितासे
प्रश्न1:“कण——कणमेंहैव्याप्तवहीस्वर ..............कालकूट फणि की चिंतामणि”
(a)的वहीस्वर’,‘वहध्वनि”एवं”वहीतान”आदिवाक्यांशकिसकेलिए/किसभावकेलिएप्रयुक्तहुएहैं吗?
उत्तर:इनशब्दोंकाउपयोगगुलामीकेविरोधमेंउठेक्रोधकीभावनाकेलिएहुआहै।
(b)वहीस्वर,वहध्वनिएवंवहीतानसेसंबंधितभावका”रुद्धगीतकीक्रुद्धतानहै/निकलीमेरीअंतरतरसे”——पंक्तियोंसेक्याकोईसंबंधबनताहै吗?
उत्तर:दोनों पंक्तियों में गहरा संबंध है।पहलेदीगईपंक्तियोंमेंअवरोधकेबादउत्पन्नहोनेवालेक्रोधकीबातकीगईहैजोकविकेभीतरसेनिकलरहाहै।बादकीपंक्तियोंमेंबतायागयाहैकिकविकेरगरगमेंकिसतरहक्रोधकीउष्माभरीहुईहै।
प्रश्न2:नीचेदीगईपंक्तियोंकाभावस्पष्टकीजिए——“सावधान!मेरी वीणा में ........दोनों मेरी ऐंठी हैं।”
उत्तर:इनपंक्तियोंमेंकविकाकहनाहैउसकीवीणामेंचिंगारियाँप्रवेशकरचुकीहैं।वीणाकीमिजराबें(तारकोछेड़नेकेलिएउपयोगमेंलायाजानेवालाछोटाउपकरण)टूटचुकीहैंऔरवीणाबजानेवालेकीअंगुलियाँऐंठगईहैं।ऐसाकईबारतबहोताहैजबसंगीतनिकालनेवालाव्यक्तिपूरीतन्मयताकेसाथअपनेवाद्ययंत्रकोबजाताहैऔरऐसाकरनेमेंवहसबकुछभूलकरपूरीतरहअपनेसंगीतमेंखोजाताहै।